तेलंगाना में रोजेदारों को ऑफिस से 1घंटे पहले छुट्‌टी मिलेगी:आदेश जारी; BJP का सवाल- हिंदू त्योहारों में ऐसी छूट क्यों नहीं

तेलंगाना में रोजेदारों को ऑफिस से 1घंटे पहले छुट्‌टी मिलेगी:आदेश जारी; BJP का सवाल- हिंदू त्योहारों में ऐसी छूट क्यों नहीं

तेलंगाना सरकार ने रमजान के महीने को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया। इसके तहत पूरे रमजान के महीने में राज्य के सभी सरकारी मुस्लिम कर्मचारियों, शिक्षकों, अनुबंध कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को एक विशेष छूट दी है। राज्य सरकार के इस फैसले की भाजपा ने आलोचना की है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि हिंदू त्योहारों के दौरान ऐसी छूट क्यों नहीं दी जाती है। भाजपा विधायक राजा सिंह ने इस आदेश को तुष्टिकरण की राजनीति बताया है। सरकार के आदेश के तहत, इन कर्मचारियों को 2 मार्च से 31 मार्च तक शाम 4 बजे तक अपने कार्यालयों और स्कूलों से बाहर जाने की अनुमति दी गई है। हालांकि साथ में ये निर्देश भी दिए गए है कि अगर किसी कर्मचारी के काम की ज्यादा जरूरत हो, तो उन्हें ऑफिस में रहना पड़ेगा। मुख्य सचिव शांति कुमारी ने दी जानकारी
मामले में 15 फरवरी को शांति कुमारी द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया कि तेलंगाना सरकार ने राज्य में कार्यरत सभी सरकारी मुस्लिम कर्मचारियों, शिक्षकों, अनुबंध और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों, बोर्डों, निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को रमजान के पवित्र महीने के दौरान एक विशेष छूट दी है। भाजपा ने रेड्डी सरकार के फैसला का किया घेराव
भाजपा ने तेलंगाना सरकार के फैसले की आलोचना की है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस आदेश को मुस्लिम समुदाय को खुश करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि नवरात्रि जैसे हिंदू त्योहारों के दौरान हिंदू कर्मचारियों को ऐसी कोई छूट नहीं मिलती। उन्होंने इसे वोट बैंक की राजनीति बताया और विरोध करने की बात की। फैसले से नाराज भाजपा विधायक राजा सिंह ने इस आदेश को तुष्टिकरण की पराकाष्ठा करार देते हुए कहा है कि रेवंत रेड्डी की सरकार ने मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के दौरान जल्दी छुट्टी देने की इजाजत तो दे दी लेकिन हिंदू त्योहारों को नजरअंदाज कर दिया है। मुरलीधर बोले- समाज के एक वर्ग को प्राथमिकता
भाजपा के वरिष्ठ नेता पी मुरलीधर राव ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप लगाया कि वे समाज के एक वर्ग को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों के लिए दी जा रही छूट, नवरात्रि या जैन त्योहारों के दौरान नहीं दी गई, जो धार्मिक प्रथाओं का सम्मान नहीं बल्कि वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है।

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