Piyush Goyal: भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने राज्यसभा में घोषणा की, कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश का निर्यात ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि इस साल भारत का निर्यात 800 अरब डॉलर (करीब 70 लाख करोड़ रुपये) को पार कर सकता है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा होगा।
निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी (Piyush Goyal)
गोयल (Piyush Goyal) ने कहा, निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और बीते चार वर्षों में इसमें महत्वपूर्ण उछाल दर्ज किया गया है। इस साल भी हम नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति को लेकर सवाल उठ रहे थे। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला द्वारा निर्यात में संभावित गिरावट को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए गोयल (Piyush Goyal) ने स्पष्ट किया कि यह दावा पूरी तरह सही नहीं है और भारत अपने व्यापारिक लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
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आयात में तेजी, घरेलू खपत का संकेत (Piyush Goyal)
Piyush Goyal ने सदन में यह भी स्पष्ट किया कि कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं का आयात अपरिहार्य है, क्योंकि घरेलू उत्पादन इनकी मांग को पूरा नहीं कर सकता है। इनमें पेट्रोलियम उत्पाद, कोकिंग कोल, दालें और खाद्य तेल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन वस्तुओं का बढ़ता आयात देश की आर्थिक मजबूती और बढ़ती घरेलू खपत का संकेत देता है। उन्होंने कहा, अगर कुछ उत्पादों का आयात बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि उनकी मांग भी अधिक है। यह स्थिति अस्थायी है और जैसे-जैसे घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, आयात में कमी आएगी। लेकिन अभी, यह निवेश को आकर्षित कर रहा है और रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहा है।
विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत, चिंता की जरूरत नहीं
मंत्री ने यह भी कहा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर से अधिक बना हुआ है, जो देश की वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत स्थिति में है और निर्यात बढ़ने के साथ-साथ यह और बेहतर होगा, गोयल (Piyush Goyal) ने कहा।
बजट 2025-26 से उपभोग को मिलेगा बढ़ावा
Piyush Goyal ने यह भी बताया कि आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 में सरकार द्वारा मध्यम वर्ग को कर राहत दी जा रही है, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। इससे घरेलू मांग बढ़ेगी, जिससे उत्पादन और निर्यात को मजबूती मिलेगी। जब किसी विशेष क्षेत्र में आयात बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि उस क्षेत्र में अधिक अवसर मौजूद हैं। सरकार इसी को ध्यान में रखते हुए उद्योगों को समर्थन दे रही है, ताकि भारत वैश्विक बाजार में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ा सके, उन्होंने कहा।
भारत के निर्यात की मजबूती और आगे की राह
पिछले कुछ वर्षों में भारत के निर्यात में लगातार वृद्धि देखी गई है। सरकार ने व्यापार को सुगम बनाने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। इनमें उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI), मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और लॉजिस्टिक्स सुधार शामिल हैं। इन प्रयासों का नतीजा यह रहा कि भारत ने 2023-24 में भी निर्यात के मजबूत आंकड़े दर्ज किए। 2024-25 में इन नीतियों का असर और ज्यादा देखने को मिल सकता है।
भारत के निर्यात में वृद्धि के प्रमुख कारण:
- मजबूत वैश्विक मांग: भारत के टेक्सटाइल, फार्मा, ऑटोमोबाइल और इंजीनियरिंग उत्पादों की वैश्विक बाजार में मांग बढ़ रही है।
- नीतिगत सुधार: सरकार द्वारा किए गए व्यापार सुगमता उपायों और नए मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) ने निर्यातकों को लाभ पहुंचाया है।
- ‘मेक इन इंडिया’ और PLI योजना: घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देकर निर्यात क्षमताओं को मजबूत किया गया है।
- डिजिटल और सेवा क्षेत्र का योगदान: आईटी और स्टार्टअप्स के माध्यम से सेवा निर्यात को नई ऊंचाइयां मिल रही हैं।
- लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे में सुधार: बंदरगाहों, हवाई अड्डों और परिवहन सुविधाओं के आधुनिकीकरण से निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है।
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भारत का निर्यात लक्ष्य 1 ट्रिलियन डॉलर
सरकार का अगला बड़ा लक्ष्य भारत के कुल निर्यात को 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 85 लाख करोड़ रुपये) तक ले जाना है। इसके लिए नई व्यापारिक रणनीतियां अपनाई जा रही हैं, जिससे भारत वैश्विक व्यापार के केंद्र में आ सके। गोयल ने कहा, हम केवल आंकड़ों की बात नहीं कर रहे, बल्कि यह दिखा रहे हैं कि भारत की आर्थिक शक्ति किस दिशा में बढ़ रही है। हमारा लक्ष्य भारत को एक वैश्विक निर्यात केंद्र बनाना है।
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