पिछले कुछ समय में बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा (Violence Against Hindus) के मामले बढ़े हैं, जिससे भारत (India) और बांग्लादेश में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति अभी भी बनी हुई है। तख्तापलट के बाद बनी बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार के लीडर मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) भी हिंदू समर्थक नहीं हैं और न ही देश में स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। भारत से तनाव के बीच बांग्लादेश की पाकिस्तान (Pakistan) से दोस्ती बढ़ रही है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आसिफ मलिक बुधवार को ही बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचा। बांग्लादेश सेना के क्वार्टर मास्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान ने मलिक का स्वागत किया। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के किसी भी शीर्ष अधिकारी का लंबे समय बाद यह पहला ढाका दौरा है।
क्या हो सकते हैं इस यात्रा के मायने?
मलिक की बांग्लादेश यात्रा के कई मायने हो सकते हैं। बांग्लादेश का हाई रैंकिंग सैन्य अधिकारी जनरल एसएम कमरुल हसन कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान गया था। कमरुल ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की थी। ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि बांग्लादेश सरकार और पाकिस्तान सरकार के बीच दोस्ती तो बढ़ ही रही है, साथ ही इसमें आईएसआई भी शामिल है।
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भारत की बढ़ सकती है टेंशन
पाकिस्तान और बांग्लादेश की बढ़ती दोस्ती से भारत की टेंशन बढ़ सकती है। लंबे समय तक भारत और बांग्लादेश के बीच मज़बूत संबंध रहे हैं, लेकिन शेख हसीना के देश छोड़ने, बांग्लादेश में तख्तापलट और हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों की वजह से दोनों देशों के संबंधों में दरार आ गई। अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भी पाकिस्तान से नज़दीकी बढ़ाने में लगी हुई है। पिछले तीन महीने में पाकिस्तानी पीएम शहबाज़ शरीफ और बांग्लादेश के अंतरिम लीडर मुहम्मद यूनुस की दो बार मुलाकात हो चुकी हैं। ऐसे में पाकिस्तान और बांग्लादेश की बढ़ती दोस्ती से भारत की टेंशन बढ़ सकती है।
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