ज्योतिष और वास्तु शास्त्र पर अंतरराष्ट्रीय मंथन:जीतन राम मांझी ने कहा- इसकी विश्वसनीयता बनाए रखना जरूरी, ये व्यवसाय नहीं

ज्योतिष और वास्तु शास्त्र पर अंतरराष्ट्रीय मंथन:जीतन राम मांझी ने कहा- इसकी विश्वसनीयता बनाए रखना जरूरी, ये व्यवसाय नहीं

गया में भारतीय संस्कृति में ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का स्थान हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन आधुनिक दौर में इस विद्या की विश्वसनीयता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसी विषय पर अखिल भारतीय ज्योतिष संघ और एस्ट्रोलॉजिकल प्वाइंट के तत्वावधान में वास्तु और ज्योतिष महासम्मेलन का आयोजन किया गया। एनएच-82 स्थित एक निजी रिसॉर्ट में हुए इस सम्मेलन में देशभर से ख्यातिप्राप्त ज्योतिषाचार्यों और वास्तु विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, डॉ. कुमुद वर्मा, संजीव श्याम सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अरुण बंसल, संरक्षक पं. जयप्रकाश शर्मा (लाल धागे वाले), जयंत पांडेय, दिनेश गुरुजी और उपाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र कोई व्यवसाय नहीं, लोककल्याण का माध्यम बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, आज विज्ञान चांद और अंतरिक्ष तक पहुंच चुका है, लेकिन ज्योतिष और वास्तु की मान्यता बरकरार है। यह विद्या भारतीय संस्कृति की धरोहर है, इसकी साख बनाए रखना जरूरी है। रोगों का निदान भी कर सकता है ज्योतिष एस्ट्रोलॉजिकल पॉइंट के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिन्हा ने कहा कि ज्योतिष और वास्तु के माध्यम से रोगों की पहचान और उनका निदान भी संभव है। उन्होंने मधुमेह जैसी बीमारियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्योतिष विज्ञान से इसका समाधान निकाला जा सकता है। डॉ. अरुण बंसल ने कहा कि जीवन की बाधाओं और परेशानियों को दूर करने में ज्योतिष अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया कि रुद्राक्ष की माला धारण करने से हृदयाघात की संभावना कम होती है। सम्मेलन में वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं के समाधान भी सुझाए गए। चिकित्सा विज्ञान और ज्योतिष का समन्वय सम्मेलन के दूसरे सत्र में ज्योतिष और चिकित्सा विज्ञान के समन्वय पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में वास्तु और ग्रहों की स्थिति का बड़ा प्रभाव पड़ता है। चिकित्सक डॉ. प्रमोद सिन्हा ने कहा कि संतुलित खान-पान से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने हरी सब्जियों, फलों और मोटे अनाज को आहार में शामिल करने की सलाह दी। डॉ. विजय कुमार करण ने बाल चिकित्सा और वास्तु के संबंध पर चर्चा करते हुए बच्चों को स्वस्थ रखने के टिप्स दिए। ग्रह हमारे कर्मों के अधीन हैं बाला जी धाम के महामंडलेश्वर भूपेंद्रानंद स्वामी ने कहा कि “पितृ किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि परिवार की उन्नति चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि अकाल मृत्यु से मरे लोग मोक्ष न मिलने तक अशांति फैलाते हैं। उनका कहना था कि “हमारे कर्म खराब होते हैं, तभी ग्रह हमें परेशान करते हैं।” कार्यक्रम में ज्योतिष एवं वास्तु विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए केंद्रीय मंत्री मांझी ने एस्ट्रोलॉजिकल पॉइंट गया चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया। सम्मेलन में शामिल हुए देशभर के विशेषज्ञ इस अवसर पर गया के मेयर गणेश पासवान, पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव, जहानाबाद सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव, डॉ. डीके सहाय, डॉ. विजय कुमार करण, हरि प्रपन्ना, सिद्धीनाथ विश्वकर्मा, श्याम भंडारी, संजय कुमार सिंह, अनिल कुमार जैन, आचार्य हरीश मलिक, डॉ. सुरेश अथवे, पुनीत वोला, अनीता जायसवाल, आचार्य प्रवीण कुमार सोनी, पं. बृजभूषण शर्मा, प्रो. अशोक भाटिया, डॉ. नंद किशोर पुरोहित, पं. ललित शर्मा, आचार्य हर्षवर्धन भास्कर समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मिस इंडिया सिमरन आहूजा ने किया। इस सम्मेलन के जरिए एक बार फिर यह साबित हुआ कि ज्योतिष और वास्तु विज्ञान आज भी लोगों के जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं और आने वाले समय में इसकी प्रासंगिकता और बढ़ेगी। गया में भारतीय संस्कृति में ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का स्थान हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन आधुनिक दौर में इस विद्या की विश्वसनीयता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसी विषय पर अखिल भारतीय ज्योतिष संघ और एस्ट्रोलॉजिकल प्वाइंट के तत्वावधान में वास्तु और ज्योतिष महासम्मेलन का आयोजन किया गया। एनएच-82 स्थित एक निजी रिसॉर्ट में हुए इस सम्मेलन में देशभर से ख्यातिप्राप्त ज्योतिषाचार्यों और वास्तु विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, डॉ. कुमुद वर्मा, संजीव श्याम सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अरुण बंसल, संरक्षक पं. जयप्रकाश शर्मा (लाल धागे वाले), जयंत पांडेय, दिनेश गुरुजी और उपाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र कोई व्यवसाय नहीं, लोककल्याण का माध्यम बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, आज विज्ञान चांद और अंतरिक्ष तक पहुंच चुका है, लेकिन ज्योतिष और वास्तु की मान्यता बरकरार है। यह विद्या भारतीय संस्कृति की धरोहर है, इसकी साख बनाए रखना जरूरी है। रोगों का निदान भी कर सकता है ज्योतिष एस्ट्रोलॉजिकल पॉइंट के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिन्हा ने कहा कि ज्योतिष और वास्तु के माध्यम से रोगों की पहचान और उनका निदान भी संभव है। उन्होंने मधुमेह जैसी बीमारियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्योतिष विज्ञान से इसका समाधान निकाला जा सकता है। डॉ. अरुण बंसल ने कहा कि जीवन की बाधाओं और परेशानियों को दूर करने में ज्योतिष अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया कि रुद्राक्ष की माला धारण करने से हृदयाघात की संभावना कम होती है। सम्मेलन में वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं के समाधान भी सुझाए गए। चिकित्सा विज्ञान और ज्योतिष का समन्वय सम्मेलन के दूसरे सत्र में ज्योतिष और चिकित्सा विज्ञान के समन्वय पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में वास्तु और ग्रहों की स्थिति का बड़ा प्रभाव पड़ता है। चिकित्सक डॉ. प्रमोद सिन्हा ने कहा कि संतुलित खान-पान से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने हरी सब्जियों, फलों और मोटे अनाज को आहार में शामिल करने की सलाह दी। डॉ. विजय कुमार करण ने बाल चिकित्सा और वास्तु के संबंध पर चर्चा करते हुए बच्चों को स्वस्थ रखने के टिप्स दिए। ग्रह हमारे कर्मों के अधीन हैं बाला जी धाम के महामंडलेश्वर भूपेंद्रानंद स्वामी ने कहा कि “पितृ किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि परिवार की उन्नति चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि अकाल मृत्यु से मरे लोग मोक्ष न मिलने तक अशांति फैलाते हैं। उनका कहना था कि “हमारे कर्म खराब होते हैं, तभी ग्रह हमें परेशान करते हैं।” कार्यक्रम में ज्योतिष एवं वास्तु विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए केंद्रीय मंत्री मांझी ने एस्ट्रोलॉजिकल पॉइंट गया चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया। सम्मेलन में शामिल हुए देशभर के विशेषज्ञ इस अवसर पर गया के मेयर गणेश पासवान, पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव, जहानाबाद सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव, डॉ. डीके सहाय, डॉ. विजय कुमार करण, हरि प्रपन्ना, सिद्धीनाथ विश्वकर्मा, श्याम भंडारी, संजय कुमार सिंह, अनिल कुमार जैन, आचार्य हरीश मलिक, डॉ. सुरेश अथवे, पुनीत वोला, अनीता जायसवाल, आचार्य प्रवीण कुमार सोनी, पं. बृजभूषण शर्मा, प्रो. अशोक भाटिया, डॉ. नंद किशोर पुरोहित, पं. ललित शर्मा, आचार्य हर्षवर्धन भास्कर समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मिस इंडिया सिमरन आहूजा ने किया। इस सम्मेलन के जरिए एक बार फिर यह साबित हुआ कि ज्योतिष और वास्तु विज्ञान आज भी लोगों के जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं और आने वाले समय में इसकी प्रासंगिकता और बढ़ेगी।  

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