International Women Day: अमेरिका में 15 लाख भारतीय महिलाएं कर रही जॉब, NRI महिला ने इंटरव्यू बताया, ब्रिटेन और कनाडा में भी बड़ी संख्या में हैं

International Women Day: अमेरिका में 15 लाख भारतीय महिलाएं कर रही जॉब, NRI महिला ने इंटरव्यू बताया, ब्रिटेन और कनाडा में भी बड़ी संख्या में हैं

International Women Day: राइजिंग राजस्थान में शिरकत कर चुकीं जयपुर मूल की प्रवासी राजस्थानी डॉक्टर, डॉक्टर्स ऑफ राजस्थान इंटरनेशनल (Dori) फाउंडेशन की कार्यकारी सदस्य और लंदन दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में ईएनटी और बाल चिकित्सा नींद विशेषज्ञ हैं डॉ. दीपा खंडेलवाल वत्स। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women Day) पर पत्रिका के एम आई ज़ाहिर ने उनका इंटरव्यू ( Interview )लिया। पेश है डॉ दीपा खंडेलवाल वत्स ( Dr. Deepa Khandelwal Vats) से साक्षात्कार:

सवाल: आप विदेश में प्रवासी भारतीय महिलाओं के बारे में क्या कहेंगी?

जवाब : विदेशों में प्रवासी भारतीय महिलाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और उनका योगदान कई क्षेत्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, उनके सामने कई चुनौतियाँ भी हैं जो उनके सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति को प्रभावित करती हैं।

ब्रिटेन और कनाडा में भी बड़ी संख्या में भारतीय महिलाएं रहती हैं

सवाल: प्रवासी भारतीयों की वतन वापसी के बीच विदेश में प्रवासी भारतीय महिलाओं की संख्या और मुख्य धारा में उनकी भागीदारी के बारे मे आपका क्या कहना है?

जवाब : अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और मध्य-पूर्व जैसे देशों में प्रवासी भारतीय महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। अगर हम 2021 के आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो अमेरिका में अमेरिका में 15 लाख भारतीय महिलाएं काम कर रही हैं, और ब्रिटेन और कनाडा में भी बड़ी संख्या में भारतीय महिलाएं रहती हैं। ये महिलाएं कई शिक्षा, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, व्यवसाय और कला क्षेत्र में काम कर रही हैं। बहुत सी भारतीय महिलाएं बेहतर जीवन और शिक्षा के लिए विदेशों में पहुंचती हैं और ऐसी महिलाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है।

प्रवासी भारतीय महिलाएं शिक्षा और कैरियर के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं

सवाल: क्या प्रवासी भारतीय महिलाओं के हालात बेहतर हैं?

जवाब: प्रवासी भारतीय महिलाएं शिक्षा और कैरियर के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं। वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और विदेशी कार्यबल का महत्वपूर्ण हिस्सा बन रही हैं। वे व्यापार, पेशेवर सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। विदेशों में प्रवासी भारतीय महिलाओं का योगदान अत्यधिक है और उनकी स्थिति में समय के साथ सुधार भी हुआ है। वे आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है

सवाल: भारत और विदेशों में महिलाओं की स्थिति और उनकी भूमिका में आप किस तरह के बदलाव देखती हैं?

जवाब : पिछले कुछ दशकों में महिलाओं के लिए बहुत सारे सकारात्मक बदलाव आए हैं। भारत और दुनिया के कई हिस्सों में महिलाएं अब शिक्षा, राजनीति, और व्यवसाय के क्षेत्रों में अपनी जगह बना रही हैं। हालांकि समान अवसर, सुरक्षा, और लिंग भेदभाव के मामले में अभी भी चुनौतियाँ हैं। खासकर चिकित्सा और विज्ञान के क्षेत्रों में महिलाएं अच्छा कर रही हैं, और उनकी भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

महिलाएं घर और काम दोनों को एक साथ संभालती हैं

सवाल: आपको लगता है कि महिलाओं को अपने कैरियर में सफलता पाने के लिए किन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

जवाब: दरअसल महिलाओं को अपने कैरियर में सफलता पाने के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि उन्हें हमेशा अपनी क्षमताओं का प्रमाण देना पड़ता है, जबकि पुरुषों को इस प्रकार की चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ता। परिवार और पेशेवर जिम्मेदारियों को संतुलित करना भी एक मुश्किल काम है, विशेषकर उन महिलाओं के लिए जो घर और काम दोनों को एक साथ संभालती हैं। इसके अलावा, समाज में महिलाओं के लिए हमेशा पूर्वनिर्धारित सीमाएं होती हैं, जिन्हें तोड़ना आसान नहीं होता।

खुद पर विश्वास रखें और अपने सपनों का पीछा करें

सवाल: आप महिलाओं के लिए खासकर स्वास्थ्य और कैरियर के क्षेत्र में क्या संदेश देना चाहेंगी?

जवाब: मैं हर महिला से यह कहूंगी कि खुद पर विश्वास रखें और अपने सपनों का पीछा करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, क्योंकि जब आप स्वस्थ होती हैं, तो आप अपने परिवार और समाज के लिए ज्यादा योगदान कर सकती हैं। अपने करियर के प्रति समर्पित रहें और अपने अधिकारों के लिए खड़ी हों। कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती, जब तक आप उसे अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से पार नहीं कर सकतीं।

हमेशा लोगों की मदद करना चाहती थी

सवाल: आप एक प्रवासी राजस्थानी डॉक्टर हैं, जो लंदन और दुबई में चिकित्सक के रूप में काम कर रही हैं। एक महिला होते ​हुए इस पेशे में आने का प्रेरणा स्रोत क्या रहा?

जवाब: बचपन से ही मुझे चिकित्सा के क्षेत्र में गहरी रुचि थी। मैं हमेशा लोगों की मदद करना चाहती थी, और जब मैंने देखा कि चिकित्सा के माध्यम से मैं बच्चों और परिवारों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बना सकती हूं, तो मैंने इस दिशा में कदम बढ़ाया। ईएनटी और बाल चिकित्सा नींद विशेषज्ञता में मेरी रुचि खास तौर पर बच्चों की नींद से जुड़ी समस्याओं और उनके इलाज में समाधान ढूंढने में थी। बस इस तरह इस फील्ड में आ गई।

ये भी पढ़ें: फ़िलिस्तीन में ट्रंप टॉवर ? ग़ाज़ा “रिवेरा” प्रस्ताव ने चौंकाया, इन कोशिशों की हो रही आलोचना, जानिए

ईरान का अमेरिका पर पलटवार, डोनाल्ड ट्रंप के नए प्रतिबंध ठुकराए, क्यों ख़ारिज की बातचीत, जानिए

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *