ईरान को नहीं अमेरिका का डर, खामेनेई की ट्रंप को ललकार

ईरान को नहीं अमेरिका का डर, खामेनेई की ट्रंप को ललकार

अमेरिका (United States Of America) और ईरान (Iran) के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इज़रायल (Israel) की फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) और लेबनान (Lebanon) के आतंकी संगठन हिज़बुल्लाह (Hezbollah) के खिलाफ युद्ध के कारण इज़रायल और ईरान में भी तनाब बढ़ गया। अमेरिका, जो शुरू से ही इज़रायल का मददगार रहा है, ने ईरान के खिलाफ भी इज़रायल को मदद का आश्वासन दिया। इससे अमेरिका और ईरान बीच लंबे समय से चला आ रहा तनाव और बढ़ गया। इसी बीच परमाणु समझौते के मामले में भी दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दो ईरान को हमले की धमकी तक दे दी है। ऐसे में ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई (Ali Khamenei) ने भी ट्रंप की धमकी का उनके ही अंदाज़ में जवाब दिया है।

“देंगे करारा जवाब”

ईद के मौके पर अली खामेनेई ने ईद के मौके पर देश को संबोधित किया। मंच से खामेनेई ने कहा, “अमेरिका आग से खेल रहा है और ईरान अमेरिका को उसी के लहजे में जवाब देगा। वो हम पर हमला करने की धमकी दे रहे हैं, जिसकी हमें संभावना नहीं लगती, लेकिन अगर वो कोई शरारत करेंगे तो उन्हें निश्चित रूप से करारा जवाब देंगे।”

अमेरिका में हड़कंप

खामेनेई की इस धमकी और इन नारों की गूंज से अमेरिका में भी हड़कप मच गया है। लोगों को डर है कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो ईरान भी अमेरिका को दहला सकता है और इसकी संभावनाएं खामेनेई के संबोधन के बाद और ज़्यादा बढ़ गई हैं। इतना ही नहीं, इस संबोधन के दौरान खामेनेई के हाथ में 1980 के दशक की एक राइफल भी थी, जिससे उनकी धमकी और भी गंभीर लग रही है।

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ईरान जल्द ले सकता है बारूदी एक्शन!

इससे पहले खामेनेई के हाथ में यह राइफल 1 अगस्त, 2024 को नज़र आई थी। तब खामेनेई ने हमास नेता इस्माइल हनियेह की मौत पर देश को संबोधित किया था, जिसके बाद 1 अक्टूबर के दिन ईरान ने मिसाइल स्ट्राइक करते हुए हनियेह और हसन नसरल्लाह की मौत का बदला इज़रायल से लिया था। अब खामेनेई के पास फिर से यह राइफल देखी गई है। अमेरिका की धमकियों के बीच एक बार फिर इस राइफल के नज़र आने से इस बात की आशंका बढ़ गई है कि ईरान बहुत जल्द अमेरिका के खिलाफ बारूदी एक्शन ले सकता है।

क्या ईरान नहीं करेगा अमेरिकी हमले का इंतज़ार?

एक तरफ खामेनेई के रिएक्शन से अमेरिका पर एक्शन का रास्ता साफ हो गया है, तो वहीं ईरानी कमांडर्स के रुख से ऐसे सिग्नल मिल रहे हैं कि ईरान अमेरिकी हमले का इंतज़ार नहीं करना चाहता। माना जा रहा है कि ईरान, अमेरिकी एक्शन से पहले ही अमेरिका को बारूदी संदेश भेज सकता है। दरअसल, IRGC के कमांडर अमेरिकी एयरबेस पर प्री एम्प्टिव स्ट्राइक की मांग कर हैं। IRGC कमांडर चाहते हैं कि ईरान, डिएगो ग्रॉसिया एयरबेस के पास मिसाइल दागे, लेकिन इस मिसाइल से बेस को नुकसान नहीं होगा बल्कि मिसाइल बेस के करीब समंदर में जाकर गिरेगी। अमेरिका के इस बेस की ईरान से दूरी 3846 किलोमीटर है। हाल ही में अमेरिका ने यहाँ 7 B-2 बॉम्बर तैनात किए हैं।

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ईरान दिखाना चाहता है अपनी ताकत

ऐसा मानना है कि अमेरिकी बेस के पास मिसाइल दागकर ईरान, ट्रंप को अपनी क्षमता और शक्ति का परिचय देना चाहता है, ताकि ट्रंप ईरान पर हमले के ख्याल को अपने जहन से निकाल दें। वहीं, IRGC एयरफोर्स के कमांडर आमिर अली हाजीजादेह ने भी अमेरिका को धमकी दी है। हाजीजादेह ने अपने एक बयान में कहा, “जो शीशे के घर में रहते हैं, वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते। अमेरिका के अरब में करीब 10 बेस हैं और 50 हज़ार से ज़्यादा सैनिक मौजूद हैं। इसका मतलब वो शीशे के घर में मौजूद हैं।”

ईरान के रडार पर अमेरिकी बेस

यह बात साफ है ईरान के रडार पर अमेरिका के कई सैन्य बेस हैं। अगर ट्रंप ईरान के खिलाफ कोई बारूदी कदम उठाते हैं तो ईरान उन्हें दहलाकर अपना बदला लेगा। ईरान की तैयारी भी इस बात पर मोहर लगा रही हैं। दरअसल कुछ समय पहले ही चीन ने मिसाइलों से लदा कार्गो शिप ईरान भेजा, जो ईरान के बांदर अब्बास पोर्ट पहुंच चुका है। दावा है कि इसमें चीन की लॉन्ग रेंज मिसाइलें मौजूद हैं। IRGC ने नेवातिम एयरबेस पर मिसाइल ड्रिल शुरू कर दी हैं। सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि ईरान चीन की भेजी हुई मिसाइलों की एक्यूरेसी टेस्ट कर रहा है। ईरान की इन तैयारियों को अमेरिका से जोड़कर देखा जा रहा है और कहा जा रहा है कि ईरान ट्रंप के हर संभावित कदम के लिए खुद को तैयार कर रहा है।

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