हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले मनीष का शव 14 दिन बाद अमेरिका से भारत वापस आ गया। लेकिन अभी दिल्ली एयरपोर्ट पर शव को रखा गया है। कल सुबह मनीष के शव को अंतिम संस्कार के लिए उसके पैतृक गांव कुंजपुरा में लाया जाएगा। मनीष 15 माह पहले ही डंकी के रास्ते अमेरिका गया था। मनीष अमेरिका की न्यूयॉर्क सिटी में रह रहा था। पहले वह एक स्टोर पर काम करता था और हाल ही में उसने टैक्सी चलाने का लाइसेंस लिया था। 38 लाख कर्ज लेकर भेजा था अमेरिका मनीष के भाई कर्ण दीप ने बताया कि उसका भाई 15 माह पहले ही अमेरिका गया था। हमने 38 लाख कर्ज उठाकर उसे अमेरिका भेजा था। कर्ण दीप ने बताया कि मनीष न्यूयॉर्क में किराए के कमरे में रहता था। रात को खाना खाने के बाद उसकी तबीयत खराब हुई। सीने में तेज दर्द होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार में सबसे छोटा था मनीष कर्ण दीप ने बताया कि हम चार भाई बहन है। दो बहनें और मैं मनीष से बड़े थे। मनीष सबका लाडला था। हमारी एक बहन की शादी हो चुकी है, जो कनाडा में अपने परिवार के साथ रह रही है। मनीष की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। मां को थी बेटे को अंतिम बार देखने की चाह कर्ण दीप ने बताया कि मेरी माँ और पूरा परिवार मनीष को अंतिम बार देखना चाहता था। मनीष के शव को भारत लाने के लिए हमने प्रशासन और सरकार से भी गुहार लगाई थी। अब उसके दोस्तों और लोगों के सहयोग से मनीष के शव यहां आ पाया है। कल गांव में शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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