CBSE Syllabus Change: छत्तीसगढ़ में सीबीएसई और एनसीईआरटी ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से स्कूल पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत अब कक्षा 6वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए ब्रिज कोर्स अनिवार्य कर दिया गया है।
यह बदलाव छात्रों की समझ, दक्षता और विषयों के बीच की कड़ी को मजबूत बनाने के लिए किया जा रहा है। ब्रिज कोर्स का उद्देश्य छात्रों को पिछले कक्षा के अधिगम से जोड़ना है, जिससे उन्हें नए विषयों को समझने में सहूलियत हो। खासकर गणित, विज्ञान, भाषा और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में यह सेगमेंट पढ़ाई की नींव को और मजबूत करेगा।
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CBSE Syllabus Change: क्या है ब्रिज कोर्स?
ब्रिज कोर्स एक ऐसा लर्निंग सेगमेंट है जो नई कक्षा में दाखिले के बाद छात्रों को पिछली कक्षा के मूलभूत विषयों को दोहराने और समझने का अवसर देता है। यह बच्चों के माइंडसेट को नए पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार करता है।

सीबीएसई स्कूलों में मिल रहा प्रशिक्षण
सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों को नए पाठ्यक्रम को लेकर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिक्षकों को यह बताया जा रहा है कि ब्रिज कोर्स को नियमित पढ़ाई का हिस्सा कैसे बनाया जाए।
क्या कहते हैं छात्र
बदलते पैटर्न को लेकर छात्रों में भी उत्सुकता है। रमेश साहू, अविनाश सक्सेना आदि छात्रों ने कहा कि ब्रिज कोर्स उन्हें कठिन विषयों को बेहतर समझने में मदद करेगा। वहीं शिक्षकों का कहना है कि इससे कमजोर छात्रों को अतिरिक्त सहारा मिलेगा।

एनसीईआरटी ने बदले किताबों के फॉर्मेट
इस साल कक्षा 3 और 6 की किताबों में बदलाव किया गया है। एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित नई किताबों में गतिविधि आधारित शिक्षा, जीवन कौशल और प्रोजेक्ट वर्क को प्रमुखता दी गई है। कक्षा 6 की विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की किताबों में कई इनोवेटिव एक्टिविटीज को शामिल किया गया है।
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