Mahabharata Fact: धर्मराज ने द्रोपदी को किस शर्त पर जुएं में दाव पर लगाया था, जानिए रहस्य

Mahabharata Fact: धर्मराज ने द्रोपदी को किस शर्त पर जुएं में दाव पर लगाया था, जानिए रहस्य

Mahabharata Fact: महाभारत की लड़ाई का मुख्य कारण जुए का खेला माना जाता है। जिसमें धर्मराज युधिष्ठिर अपना सब कुछ हार गए, यहां तक कि अपनी पत्नी द्रौपदी को दांव पर लगा दिया था। आइए जानते हैं इस रोचक कहानी को।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार दुर्योधन और शकुनि ने पांडवों को हरान के लिए जुआ खेलने की योजना बनाई। जिसमें शकुनि ने पांडु पुत्रों को बड़े प्रेम भाव से जुआ खेलने के लिए आमंत्रित किया। इस खेल के पीछे शकुनी की गहरी चाल थी। जिसे पांडव नहीं समझ पाए और वह खेल में शामिल हो गए। मान्यता है कि शकुनी को चौसर खेलने में महारथ हासिल था। यहां तक कि उसके पासे उनकी चाहत के अनुसार अंक लेकर आते थे।

युधिष्ठिर ने धन-दौलत सहित भाईयों को दांव पर लगया

शकुनि की चालाकी और कूटनीति से प्रभावित होकर युधिष्ठिर ने एक-एक कर अपने राज्य, धन-दौलत, और भाइयों को दांव पर लगा दिया। इसके बाद युधिष्ठर के पास कुछ नहीं शेष नहीं रहा। अंत में कर्ण की सलाह पर मामा शकुनी ने एक युधिष्ठिर के सामने एक शर्त रखी। शकुनी ने कहा कि हम आपके भाईयों को वापस कर देंगे। लेकिन आपको उसके बदले में द्रोपदी को दांव पर लगाना होगा।

सभा में द्रोपदी की प्रतिक्रिया

जब युधिष्ठिर ने द्रौपदी को दांव पर लगाया और चौसर के खेल में उनको हार गए, तो दुर्योधन ने द्रौपदी का अपमान करने के लिए उन्हें सभा में बुलाने का आदेश दिया। द्रौपदी ने यह प्रश्न उठाया कि यदि युधिष्ठिर पहले ही स्वयं को हार चुके थे, तो क्या उन्हें अधिकार था कि वे किसी और को दांव पर लगाएं? द्रौपदी के इस तर्क ने सभा में मौन और असमंजस की स्थिति पैदा कर दी। यह घटना महाभारत में स्त्री अधिकारों, सम्मान और समाज में उनके स्थान पर गहन विचार करने की प्रेरणा देती है।

यह भी पढ़ें-आखिर विष्णु जी ने क्यों लिया था मोहिनी अवतार, जानिए रहस्य

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *