प्रशासनिक स्तर पर बैठक हुई] धुतहां मठ की नई कमेटी गठन पर नहीं बनी सहमति

प्रशासनिक स्तर पर बैठक हुई] धुतहां मठ की नई कमेटी गठन पर नहीं बनी सहमति

सिकटा| धुतहां मठ के मंदिर और संपत्ति की देखरेख को लेकर सोमवार को प्रशासनिक स्तर पर बैठक हुई। बैठक में सीओ प्रिया आर्याणी ने बताया कि नरकटियागंज एसडीएम के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी समिति बनेगी। इसे लेकर एसडीएम सूर्यप्रकाश गुप्ता के निर्देश पर धुतहां विशुनपुरवा मंदिर परिसर में ग्रामीणों के साथ चर्चा हुई। लेकिन सूचना के बावजूद मसवास पंचायत के जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग कम संख्या में पहुंचे। इस कारण नई कमिटी का गठन नहीं हो सका। सीओ ने कहा कि दो सप्ताह में फिर बैठक होगी। इसमें मंदिर संचालन के लिए कार्यकारिणी समिति बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक ग्रामीण खुद कमिटी बनाकर मंदिर चला रहे हैं। लेकिन यह पंजीकृत नहीं है। इसलिए प्रशासनिक स्तर पर नई कमिटी बनाई जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि बाबा प्रभू दास के निधन के बाद से मंदिर संचालन को लेकर शालीग्राम दास और सुन्दर दास के समर्थकों में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई थी। दोनों पक्षों ने अलग-अलग कमिटी बनाई थी। लेकिन दोनों ही पंजीकृत नहीं थीं। पहले दस सदस्यीय कमिटी बनी थी, जिसमें शालीग्राम दास को महंथ बनाया गया। सिकटा| धुतहां मठ के मंदिर और संपत्ति की देखरेख को लेकर सोमवार को प्रशासनिक स्तर पर बैठक हुई। बैठक में सीओ प्रिया आर्याणी ने बताया कि नरकटियागंज एसडीएम के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी समिति बनेगी। इसे लेकर एसडीएम सूर्यप्रकाश गुप्ता के निर्देश पर धुतहां विशुनपुरवा मंदिर परिसर में ग्रामीणों के साथ चर्चा हुई। लेकिन सूचना के बावजूद मसवास पंचायत के जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग कम संख्या में पहुंचे। इस कारण नई कमिटी का गठन नहीं हो सका। सीओ ने कहा कि दो सप्ताह में फिर बैठक होगी। इसमें मंदिर संचालन के लिए कार्यकारिणी समिति बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक ग्रामीण खुद कमिटी बनाकर मंदिर चला रहे हैं। लेकिन यह पंजीकृत नहीं है। इसलिए प्रशासनिक स्तर पर नई कमिटी बनाई जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि बाबा प्रभू दास के निधन के बाद से मंदिर संचालन को लेकर शालीग्राम दास और सुन्दर दास के समर्थकों में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई थी। दोनों पक्षों ने अलग-अलग कमिटी बनाई थी। लेकिन दोनों ही पंजीकृत नहीं थीं। पहले दस सदस्यीय कमिटी बनी थी, जिसमें शालीग्राम दास को महंथ बनाया गया।  

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