नागौर. व्यवसायिक प्रतिष्ठानों ने निर्माण तो करा लिया, लेकिन पार्किंग नहीं बनाई। जबकि पार्किंग की जगह बाकायदा इनके स्वीकृत नक्शों में दर्शाई गई थी। इसके बाद भी इनकी ओर से पार्किंग स्थल नहीं बनाया गया। इसकी पड़ताल हुई तो सामने आया कि कथित रूप से हुई मिलीभगत के खेल में पार्किंग की जगह पर ही अपनी दुकानें बनवा ली। जांच के नाम पर कार्रवाई करने की जगह नगरपरिषद की ओर से जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली। इसके चलते बाजारों में अब सडक़ों पर ही वाहन खड़े किए जा रहे हैं। जिसकी वजह से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से पंगू हो हो चुकी है।
शहर में गांधी चौक, मानासर चौराहा, पुराना हॉस्पिटल चौराहा, किले की ढाल, सदर बाजार, बंशीवाला मंदिर के पास, केन्द्रीय बस स्टैंड के नजदीक, दिल्ली दरवाजा, माही दरवाजा, अजमेरी गेट वाटर वक्र्स चौराहा एवं बीकानेर रोड आदि क्षेत्रों में गगनचुंबी खड़ी व्यवसायिक इमारतें खुलेआम पार्किंग के प्रावधानों को अंगूठा दिखा रही हैं। इन जगहोंं पर व्यवसायिक निर्माण खूब कर लिए गए, लेकिन किसी ने पार्किंग की जगह नहीं छोड़ी। इसके चलते बाजारों में दुकानों के सामने बिलकुल सडक़ पर ही अब वाहन खड़े किए जा रहे हैं।
कई जगहों पर पार्किंग स्थल पर ही बना दी दुकानें
शहर के व्यसायिक क्षेत्रों में हुई पड़ताल के दौरान सामने आया कि ज्यादातर जगहों पर जहां नक्शा में विधि अनुसार पार्किंग दिखाई गई थी। वहां पर बाकायदा दुकानें संचालित होती पाई गई। इन संस्थानों में जाने के दौरान वाहन खड़ी करने की जगह पूछी गई तो यहां पर बताया गया कि अपने वाहन आप सडक़ पर ही खड़े कर दीजिये। यह स्थिति केवल एक व्यसायिक भवन की नहीं, बल्कि सभी की मिली। इस संबंध में जब नगरपरिषद के अधिकारियों से बातचीत की गई तो फिर वह भी कन्नी काटने लगे।
न सर्वे कराया, और न ही कार्रवाई की
नगरपरिषद की ओर से व्यवसायिक क्षेत्रों में इसकी आज तक जांच ही नहीं की जा सकी कि उनमें नक्शा में दर्शाया गया पार्किंग बना है कि नहीं। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि परिषद को इस पूरे गड़बड़झाले की जानकारी है, लेकिन जांच आज इसलिए नहीं की गई कि, क्यों कि यह गड़बड़झाला भी उन्हीं के इशारे पर ही हुआ है।
इन जगहों की स्थिति ज्यादा खराब
किले की ढाल, गांधी चौक, सदर बाजार, बाजारवाड़ा, दिल्ली दरवाजा क्षेत्र में सर्वाधिक व्यस्त ट्रेफिक रहता है। इन जगहों पर खड़ी व्यवसायिक इमारतों में दुकानों का संचालन किया जा रहा है। यहां पर खरीदारी के लिए आने वाले अपने वाहनों को सडक़ पर ही खड़ा करते हैं। इसकी वजह से बाजार का यातायात प्रभावित होता रहता है। दिल्ली दरवाजा क्षेत्र के बाजार की तो यह हालत है कि सडक़ के आधे ज्यादा हिस्से पर केवल वाहन ही खड़े नजर आते हैं। यही हालत सदर बाजार, बजारवाड़ा, गांधी चौक की है।
पार्किंग की जगह पर अन्य निर्माण नहीं हो सकता
पार्किंग के संदर्भ में पूर्व में सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट दिशा-निर्देश है पार्किंग सुविधाओं का लक्ष्य पार्किंग वाहनों के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यवस्थित स्थान प्रदान करना है। चाहे वह वाणिज्यिक क्षेत्रों, सार्वजनिक स्थानों या परिवहन केंद्रों में हो। पार्किंग की जगह को न तो बेचा जा सकता है, और न ही उस पर कोई अन्य निर्माण किया जा सकता है।
इनका कहना है…
व्यवसायिक क्षेत्रों में पार्किंग के स्थिति की जांच करा ली जाएगी। जांच के बाद ही प्रावधानों के अनुसार यथोचित आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
रामरतन चौधरी, आयुक्त नगरपरिषद नागौर
Nagaur patrika…कथित रूप से मिलीभगत के खेल में पार्किंग बेची तो सडक़ों पर खड़े कराए जा रहे वाहन…VIDEO
