Saudi Arabia Neom City: सऊदी अरब रूढ़िवादिता से निकलकर अब आधुनिकता और विकास को अपनी पहचान बना रहा है। हाल के सालों में इस मुस्लिम देश के एक से बढ़कर एक विकास कार्य पूरी दुनिया को हैरान कर रहे हैं। अब सऊदी अरब का नया प्रोजेक्ट इन दिनों बेतहाशा सुर्खियां बटोर रहा है। ये प्रोजेक्ट है नियोम सिटी (Neom Mega City) का, आप इस शहर की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इस शहर को ‘स्वर्ग की सीढ़ी’ कहा जा रहा है। जी हां, सऊदी अरब इस ‘स्वर्ग की सीढ़ी’ के लिए इतना पैसा खर्च कर चुका है कि अब उसके पास इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने को धन नहीं बचा, इसके लिए वो चीन (China) जैसे देशों से मदद मांग रहा है। ऐसे में अब इस प्रोजेक्ट को लेकर नया दावा किया गया हैकि इस तरह से ये प्रोजेक्ट 100 सालों में पूरा बनकर तैयार हो पाएगा।
बार-बार आ रही रुकावटें, 100 साल में हो पाएगा पूरा
दरअसल सऊदी अरब की इस विशाल परियोजना (Neom city project of Saudi Arabia) के लिए अधिकारियों ने एक इस प्रोजेक्ट के चारों हिस्सों पर एक प्रगति रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें बताया गया है कि चारों हिस्सों पर काम किया जा रहा है लेकिन नियोम सिटी को पूरा करने के लिए और बसने के लिए लगभग 100 साल लगेंगे। इसका मुख्य कारण धन की कमी के चलते निर्माण कार्य में रुकावट आना। नियोम सिटी के डिप्टी CEO रेयान फेयेज और मुख्य विकास अधिकारी डेनिस हिकी ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच यानी (World Economic Forum, WEF) की बैठक में भी इस प्रोजेक्ट को पेश किया था और इसके बारे में पूरी जानकारी दी थी।
क्या है नियोम सिटी प्रोजेक्ट?
नियोम मेगा सिटी प्रोजेक्ट सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS, Mohammed Bin Salman) के विजन 2023 का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के लिए सऊदी अरब ने लगभग 500 अरब डॉलर का निवेश किया हुआ है। ये शहर 26,500 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में बसाया जा रहा है, जो बेल्जियम जैसे देश के बराबर है। इसे सऊदी अरब के उत्तर पश्चिमी रेगिस्तान में लाल सागर (Red Sea) के पास बसाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट (Neom city features) को ये 4 चीजें बेहद खास बना रही हैं। ये हैं द लाइन, ऑक्सागॉन, ट्रोजेना, सिंडयाला।
द लाइन क्या है?
द लाइन (The Line) नियोम मेगा सिटी के शहर का हिस्सा है। इस शहर की लंबाई 170 किमी है लेकिन चौड़ाई सिर्फ 200 मीटर की है। लंबी होने के चलते इसे द लाइन कहा गया है। इस सिटी की ऊंचाई लगभग 500 मीटर होगी, यानी यहां 500-500 मीटर तक ही बहुमंजिला इमारतें बनाई (Neom Mega City) जाएंगी जो कि 125 मंजिला इमारत के बराबर है। इस सिटी में 90 लाख से ज्यादा लोगों के रहने की इंतजाम किया जा रहा है। इतना ही नहीं, इस शहर में यातायात बिना सड़कों के होगा। यानी यहां पर कोई सड़क नहीं होगी, इसलिए कोई गाड़ियां, बस, कारें नहीं चलेंगी। यहां पर यातायात सिर्फ रेल माध्यम से होगा। उसके लिए हाईस्पीट ट्रेन के लिए ट्रैक बिछाया जा रहा है, जिससे सिर्फ 20 मिनट में शहर के एक छोर से दूसरे छोर पहुंचा जा सकेगा। ये पूरा काम नवीकरणीय ऊर्जा यानी रिन्यूएबल एनर्जी पर आधारित होगा।
ऑक्सागॉन क्या है?
नियोम मेगा प्रोजेक्ट (Neom Mega Project) का अगला हिस्सा है ऑक्सागॉन। यानी दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग इंडस्ट्रियल हब। ये लाल सागर पर बसाया जा रहा है। ये समंदर पर तैरता हुआ सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स होगा। ये शहर AI और रोबोटिक्स के इस्तेमाल से ही चलेगा।
ट्रोजेना क्या है?
ट्रोजेना सऊदी के इस शहर के रेगिस्तान में स्की रिजॉर्ट का प्रोजेक्ट है। ये रिजॉर्ट सऊदी अरब में पहली बार शीतकालीन खेलों का केंद्र होगा। जो 2029 के एशियन विंटर गेम्स (Asian Winter Games 2025) की मेजबानी करने वाला पहला मध्य पूर्वी देश होगा। इस स्की रिसॉर्ट को ढालदार गांव के तौर पर विकसित किया जा रहा है। जिसे 70 फ़ीसदी आर्टिफ़िशियल बर्फ़ से ढका जाएगा। यहां पर बर्फ़ीली स्की ढलान, वाटर स्पोर्ट्स, माउंटेन बाइकिंग समेत कई तरह के गेम्स आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा यहां अल्ट्रा-लक्ज़री फैमिली, वेलनेस रिजॉर्ट, और रिटेल स्टोर भी होंगे।
सिंडियाला क्या है?
नियोम मेगा प्रोजेक्ट का चौथा सबसे अहम हिस्सा सिंडियाला है। इसे एक लग्ज़री आइलैंड के तौर पर विकसित किया जा रहा है। ये लाल सागर पर एक प्रीमियम टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाया जा रहा है। जहां पर यॉटिंग, डाइविंग, और लग्जरी रिसॉर्ट्स की सुविधाएं मिलेंगी।
इस नियोम मेगा प्रोजेक्ट पर जीरो कार्बन उत्सर्जन होने का दावा किया जा रहा है। इससे सऊदी अरब के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा जिससे आर्थिक मजबूती आएगी।
कई अरब खर्च फिर भी कम पड़ रहा पैसा
सऊदी अरब के नियोम मेगा प्रोजेक्ट के लिए 500 अरब डॉलर का निवेश इस देश ने खुद किया है। लेकिन इतने भारी-भरकम खर्च के बाद भी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पैसा कम पड़ रहा है। ऐसे में सऊदी अरब ने चीन से निवेश की अपील की है। इतना ही नहीं पैसे की कमी की वजह से इस प्रोजेक्ट में कई बदलाव भी कर दिए गए हैं, जैसे नियोम सिटी के लिए इसके आकार और समयसीमा में कटौती की गई है। पहले 2030 तक द लाइन में 15 लाख लोगों को बसाने के प्लान था अब इसे घटाकर सिर्फ 3 लाख कर दिया गया है। इसकी लंबाई भी 170 किमी से घटाकर सिर्फ कर 120 किमी कर दी गई है।
अब तक 21 हजार मजदूरों की मौत
नियोम मेगा सिटी की निर्माण जितनी तेजी से हो रहा है उतना ही ये विवादों में फंसती जा रही है। अरब न्यूज की रिपोर्ट ने ITV की किंगडम अनकवर्ड: इनसाइड सऊदी अरबिया डॉक्यूमेंट्री का हवाला देते हुए बताया है कि इस निर्माण प्रक्रिया में 2016 से अब तक 21 हजार मजदूरों की मौत हो चुकी है। इसमें कुल डेढ़ लाख मजदूर लगे हैं जिसमें से ज्यादातर भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान के प्रवासी मजदूर हैं। लेकिन इन आरोपों पर सिविल फर्मों ने चुप्पी साध रखी है वहीं सऊदी अधिकारियों ने इन रिपोर्ट्स को झूठा बता दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक जानकारों का कहना है कि नियोम सिटी से लाखों स्थानीय पक्षियों और लोगों की जान को खतरा है। ये आरोप भी लगे हैं कि इस प्रोजेक्ट का जिन कबायली लोगों ने विरोध किया उन्हें क्राउन प्रिंस ने बंदी बनाकर या तो जेल में डाल दिया या फिर उन्हें मरवा दिया। दऱअसल नियोम का रास्ता (लाल सागर) कई सालों से प्रवासी पक्षियों के आने का है। लेकिन इस प्रोजेक्ट के चलते नियोम सिटी की वजह से उनके अनुकूल ना तो जलवायु मिलेगी ना ही रहने के लिए जगह। वहीं गगनचुंबी इमारतों से टकारकर ये पक्षी मर भी सकते हैं।
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