संसद ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित कर दिया है। इसे राज्यसभा ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी है। इस बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 बैंक खाताधारकों को अधिकतम चार नामांकित व्यक्ति रखने की अनुमति देता है। लोकसभा ने दिसंबर 2024 में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक पारित किया था।
विधेयक में एक और बदलाव बैंक में किसी व्यक्ति के ‘पर्याप्त हित’ शब्द को फिर से परिभाषित करने से संबंधित है। विधेयक को उच्च सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। राज्यसभा में विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भले ही एनपीए में भारी कमी आई है, लेकिन सरकार जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी से संबंधित लगभग 112 मामले अपने हाथ में लिए हैं, जिनमें जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों से संबंधित मामले भी शामिल हैं। चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए खराब ऋणों से संबंधित मुद्दों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “बट्टे खाते में डालने का मतलब ऋण माफ करना नहीं है”, और बैंक धनराशि वसूलने के लिए प्रयास जारी रखेंगे।”
उन्होंने सदन को बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 1.41 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक लाभ अर्जित किया है और विश्वास व्यक्त किया कि 2025-26 में लाभप्रदता में और वृद्धि होगी। विधेयक में सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) का कार्यकाल 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष करने का भी प्रावधान है, ताकि इसे संविधान (97वें संशोधन) अधिनियम, 2011 के अनुरूप बनाया जा सके।
एक बार यह संशोधन लागू हो जाए तो केन्द्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड में सेवा देने की अनुमति मिल जाएगी। यह विधेयक बैंकों को वैधानिक लेखा परीक्षकों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक के निर्णय में अधिक स्वतंत्रता देने का भी प्रयास करता है। संशोधन का उद्देश्य बैंकों के लिए विनियामक अनुपालन हेतु रिपोर्टिंग तिथियों को दूसरे और चौथे शुक्रवार के स्थान पर प्रत्येक माह की 15वीं और अंतिम तिथि निर्धारित करना है।
सीतारमण ने कहा कि संशोधन पांच अलग-अलग अधिनियमों को प्रभावित करेंगे, जिससे यह अद्वितीय हो जाएगा। उन्होंने कहा, “यह इसलिए भी अद्वितीय है क्योंकि आठ टीमों ने संशोधनों पर काम किया, जिससे बजट भाषण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक बदलाव सुनिश्चित हुए।”
संशोधन के अनुसार, नकद और सावधि जमा के लिए एक साथ नामांकन की अनुमति होगी। हालांकि, लॉकर के मामले में, केवल एक साथ नामांकन की अनुमति है। बीमा पॉलिसियों और अन्य वित्तीय साधनों में इसका उपयोग पहले से ही किया जा रहा है।
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