गुमला | गुमला शहर में कचरों का अंबार लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। मुख्य सड़कों को छोड़ दिया जाए, तो वार्ड क्षेत्र में महीनों तक बिखरे कचरों और बजबजाती नालियों की सफाई संभव नहीं हो पाती। नतीजा गंदगी से बदबू आती है और बीमारियों का खतरा बना रहता है। यह स्थिति अमूमन अक्सर देखी जाती है। शिकायत करने पर सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। कुछ दिनों बाद स्थिति पुन: पहले जैसी होने लगती है। जबकि शहर की सफाई के लिए न तो नगर परिषद के पास मैन पावर की कमी है और न ही संसाधन की। बावजूद यह स्थिति स्वच्छता अभियान में चिराग तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ करती है। गुमला | गुमला शहर में कचरों का अंबार लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। मुख्य सड़कों को छोड़ दिया जाए, तो वार्ड क्षेत्र में महीनों तक बिखरे कचरों और बजबजाती नालियों की सफाई संभव नहीं हो पाती। नतीजा गंदगी से बदबू आती है और बीमारियों का खतरा बना रहता है। यह स्थिति अमूमन अक्सर देखी जाती है। शिकायत करने पर सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। कुछ दिनों बाद स्थिति पुन: पहले जैसी होने लगती है। जबकि शहर की सफाई के लिए न तो नगर परिषद के पास मैन पावर की कमी है और न ही संसाधन की। बावजूद यह स्थिति स्वच्छता अभियान में चिराग तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ करती है।
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