लिपिक भर्ती 2013 में फर्जी सर्टिफिकेट से पाई जॉब, कार्रवाई की तैयारी

लिपिक भर्ती 2013 में फर्जी सर्टिफिकेट से पाई जॉब, कार्रवाई की तैयारी

अलवर जिला परिषद में हुई लिपिक भर्ती 2013 में बड़ी गड़बड़ी के सबूत मिले हैं। जांच अधिकारी एवं एसडीएम अलवर प्रतिक जुईकर ने जांच में पाया कि कई लिपिकों ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाए। अन्य गड़बड़ियां भी सामने आई हैं। जल्द ही जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी।

यह भर्ती वर्ष 2017 व 2022 में हुई थी। अब तक करीब 600 लिपिक भर्ती हो चुके हैं। एक दर्जन लिपिकों के फर्जी होने की शिकायतें सरकार तक पहुंचीं। प्रारंभिक जांच के आधार पर अलवर जिला परिषद ने एक व जयपुर जिला परिषद ने दो लिपिकों को बर्खास्त कर दिया था। शेष सात लिपिकों के मामले की जांच एसडीएम कर रहे हैं।

उन्होंने नौकरी के दौरान लगाए गए अनुभव प्रमाण पत्र, कंप्यूटर कोर्स प्रमाण पत्रों की जांच की। जिन लिपिकों के दस्तावेजों की जांच चल रही है, वे मुंडावर, राजगढ़, थानागाजी, मालाखेड़ा, किशनगढ़बास, रैणी, लक्ष्मणगढ़ व बानसूर में तैनात हैं। उल्लेखनीय है कि जयपुर जिला परिषद में नौकरी कर रहे दो लिपिकों के पास अलवर जिला परिषद की ओर से जारी फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र मिला था। जांच में खुलासा हुआ तो उन्हें बर्खास्त कर दिया गया, लेकिन अब तक केस दर्ज नहीं कराया गया है।

जिन लिपिकों की फाइलें जांच के लिए हमारे पास आई थीं, उनमें गड़बड़ी सामने आई है। फर्जी तरीके से कुछ लोगों ने नौकरी पाई है। अब हम नोटशीट की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करेंगे। जांच रिपोर्ट जल्द ही उच्चाधिकारियों को सौंप दी जाएगी। – प्रतिक जुईकर, एसडीएम अलवर

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