राजीव चंद्रशेखर का केरल बीजेपी अध्यक्ष बनना तय! जानिए पार्टी के इस बड़े फैसले के पीछे 8 अहम कारण

राजीव चंद्रशेखर का केरल बीजेपी अध्यक्ष बनना तय! जानिए पार्टी के इस बड़े फैसले के पीछे 8 अहम कारण

Rajeev Chandrasekhar Kerala BJP State President: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तकनीकी विशेषज्ञ से राजनेता बने राजीव चंद्रशेखर को केरल भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया है। आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। साथ ही, भाजपा केरल के द्विध्रुवीय राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रभावी विकल्प के रूप में उभरना चाहती है। इस निर्णय के पीछे कई रणनीतिक कारण हैं, जो पार्टी की दीर्घकालिक योजनाओं को रेखांकित करते हैं।

निर्णय कैसे लिया गया?

रविवार को तिरुवनंतपुरम में हुई भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में भाजपा के केरल मामलों के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर और लोकसभा सांसद अपराजिता सारंगी उपस्थित थीं। सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और इसकी आधिकारिक घोषणा सोमवार को तिरुवनंतपुरम के कोवडियार स्थित उदय पैलेस कन्वेंशन सेंटर में की जाएगी। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी इस घोषणा को सार्वजनिक करेंगे।

राजीव चंद्रशेखर की प्रतिक्रिया

60 वर्षीय राजीव चंद्रशेखर ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा, मैं इस फैसले से खुश और चकित हूं। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि केरल भाजपा के सहयोगियों ने मुझे इस पद के लिए उपयुक्त समझा।

लोकसभा चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन

राजीव चंद्रशेखर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में तिरुवनंतपुरम सीट से कांग्रेस के शशि थरूर के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें 16,000 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उनके प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने चुनावी मैदान में देर से प्रवेश करने के बावजूद प्रभावशाली प्रचार किया और भाजपा को केरल में एक मजबूत स्थिति में लाने का काम किया।

जातीय और सामुदायिक समीकरण

राजीव चंद्रशेखर नायर समुदाय से आते हैं, जो केरल में एक प्रभावशाली ऊंची जाति मानी जाती है। पार्टी को उम्मीद है कि वे हिंदू वोट बैंक को मजबूत करेंगे। इसके अलावा, प्रमुख इझावा समुदाय के नेता वेल्लप्पल्ली नटेसन और उनके परिवार के साथ उनके अच्छे संबंध हैं, जिससे भाजपा और भारत धर्म जन सेना (BDJS) का गठबंधन और मजबूत हो सकता है।

भाजपा की रणनीति के तहत, केरल में ईसाई समुदाय को भी पार्टी की ओर आकर्षित करने पर ध्यान दिया जा रहा है। ईसाइयों की कुल जनसंख्या में 19% हिस्सेदारी है और वे पारंपरिक रूप से कांग्रेस के समर्थक रहे हैं। लेकिन हाल के वर्षों में कांग्रेस और वाम मोर्चा (CPI-M) की नीतियों से नाराजगी के कारण भाजपा को इस समुदाय से समर्थन मिलने की संभावना है।

स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की रणनीति

अक्टूबर में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा नगर निगमों और पंचायतों में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। विशेष रूप से तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा के प्रदर्शन पर ध्यान दिया जाएगा। यदि भाजपा वहां जीत दर्ज करती है, तो इसका सकारात्मक प्रभाव नेमम और कझकूट्टम विधानसभा सीटों पर भी पड़ेगा।

भाजपा के भीतर चुनौतियां

हालांकि, चंद्रशेखर को भाजपा की केरल इकाई में मौजूद गुटबाजी से निपटना होगा। पार्टी के कुछ नेता उन्हें ‘बाहरी’ मानते हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, उन्हें पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं का विश्वास जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

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भाजपा की राष्ट्रीय रणनीति

भाजपा केरल में अपने चुनावी अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य चेहरा बनाने की योजना बना रही है। पार्टी मानती है कि मोदी की लोकप्रियता और अमित शाह की रणनीति को राज्य स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किया जाए, तो केरल में भाजपा की सफलता संभव हो सकती है।

युवाओं को आकर्षित करने की योजना

भाजपा को उम्मीद है कि चंद्रशेखर की तकनीकी विशेषज्ञ और उद्यमी की छवि के कारण केरल के शिक्षित युवा उनकी ओर आकर्षित होंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, केरल के लोग ऐसे नेताओं को पसंद करते हैं, जो शिक्षित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हों, जैसा कि हमने वी.के. कृष्ण मेनन और शशि थरूर के मामलों में देखा है।

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ईसाई समुदाय को जोड़ने की रणनीति

राजीव चंद्रशेखर के पार्टी अध्यक्ष बनने से भाजपा के प्रयासों को नई गति मिलेगी। उन्होंने अतीत में चर्च के प्रमुखों से मुलाकात की है। भाजपा मानती है कि गोवा और पूर्वोत्तर राज्यों में ईसाई समुदाय के बीच मिली सफलता को केरल में भी दोहराया जा सकता है। हालांकि, मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण भाजपा को इस मोर्चे पर कुछ झटके भी लगे हैं।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर चंद्रशेखर की पहचान

राजीव चंद्रशेखर तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं और 2021 में मोदी सरकार में मंत्री बने थे। उन्होंने विभिन्न देशों में भारत की डिजिटल क्रांति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर चर्चा की है। हाल ही में, उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, दुबई, ब्राजील और वियतनाम सहित कई देशों का दौरा किया है और इथियोपिया, मलावी, और गाम्बिया की सरकारों से डिजिटल गवर्नेंस पर चर्चा की है।

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