रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक हो चुकी है। इस बैठक में आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक बेहद अहम मुद्दे पर बड़ी घोषणा की है। इस बैठक में तय किया गया कि बैंकों के लिए अलग से इंटरनेट सुविधा की शुरुआत होगी। ये कदम किसी भी तरह के फ्रॉड से बचने के उद्देश्य से उठाया गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डिजिटल पेमेंट में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐहतियात के तौर पर ये कदम उठाया है, ताकि ऐसे मामलों में कमी लाई जा सके। बता दें कि साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए रिजर्व बैंक ने भारत के बैंकों के लिए bank.in इंटरनेट डोमेन लॉन्च करने का फैसला किया है।
फाइनेंशियल सर्विसेज को मिलेगी सुरक्षा
बैंकों के लिए अलग से इंटरनेट की शुरुआत की जाएगी। इस सर्विस का मकसद है कि साइबर फ्रॉड से छुटकारा दिलाया जाए। फिशिंग जैसी दुर्भावनापूर्ण गतिविधि को भी कम करना इसका उद्देश्य है। इस नई इंटरनेट सर्विस के जरिए फाइनेंशियल सर्विसेज को अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी। उम्मीद है कि इस कदम से डिजिटल बैंकिंग और पेमेंट सर्विस से लोग अधिक संख्या में जुड़ सकेंगे। इस सर्विस के जरिए लोगों का बैंकिंग प्रोसेस पर विश्वास भी बढ़ेगा।
जानकारी के मुताबिक इस दिशा में बैंकिंग प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुसंधान संस्थान काम करने में जुटा हुआ है। संस्थान को विशेष रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कि इस डोमेन के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अप्रैल 2025 से शुरू हो सकती है। बैंकों के लिए भी रजिस्ट्रेशन को लेकर दिशा निर्देश अलग से जारी होंगे। आरबीआई आने वाले समय में अन्य गैर बैंकिंग संस्थाओं के लिए fin.in डोमेन बनाने की तैयारी में भी है।
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