महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत, थोक के बाद खुदरा मुद्रास्फीति दर में भी नरमी

मंगलवार को जारी नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2025 में गिरकर 3.34 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त 2019 के बाद सबसे कम है। मार्च 2025 की मुद्रास्फीति में गिरावट महीने के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति में तेज गिरावट के बीच आई है। फरवरी 2025 में सीपीआई मुद्रास्फीति 3.61 प्रतिशत और मार्च 2024 में 4.38 प्रतिशत थी। मार्च 2025 में मुद्रास्फीति की दर अगस्त 2019 के बाद सबसे कम है, जब यह 3.28 प्रतिशत थी।
 

इसे भी पढ़ें: 4 दिन में दूसरे वांटेड पर शिकंजा, भारतीय अधिकारी करने वाले हैं बेल्जियम का दौरा, मेहुल चौकसी से मोदी लेंंगे पाई-पाई का हिसाब

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मार्च, 2025 के महीने के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित वर्ष-दर-वर्ष मुद्रास्फीति दर मार्च, 2024 की तुलना में 3.34% (अनंतिम) है। फरवरी, 2025 की तुलना में मार्च, 2025 की हेडलाइन मुद्रास्फीति में 27 आधार अंकों की गिरावट है। यह अगस्त 2019 के बाद सबसे कम साल-दर-साल मुद्रास्फीति है।” खाद्य मुद्रास्फीति तेजी से घटकर 2.69 प्रतिशत हो गई, जबकि फरवरी 2025 में यह 3.75 प्रतिशत और मार्च 2024 में 8.52 प्रतिशत होगी।
वहीं, खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में मासिक आधार पर घटकर छह महीने के निचले स्तर 2.05 प्रतिशत पर आ गई। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इससे पहले पिछले साल सितंबर में थोक मुद्रास्फीति 1.91 प्रतिशत पर रही थी। वहीं थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी। हालांकि, वार्षिक आधार पर मार्च में इसमें वृद्धि हुई है। मार्च, 2024 में यह 0.26 प्रतिशत थी। 
 

इसे भी पढ़ें: सबसे बड़ा व्यापारी तो अपना भारत निकला, पहले रूस और अब अमेरिका से जमकर खरीदा तेल, दुनिया भी हैरान

आरबीआई ने पिछले सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसमें पहली तिमाही में इसके 3.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 3.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि जोखिम दोनों ओर समान रूप से संतुलित हैं। इस बीच, खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में मासिक आधार पर घटकर छह महीने के निचले स्तर 2.05 प्रतिशत पर आ गई।
No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *