चेन्नई. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर तीखा हमला बोला और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कथित तौर पर यह रुख अपनाया है कि जब तक तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और तीन भाषा फार्मूले को स्वीकार नहीं कर लेता, तब तक केंद्र सरकार की तरफ से उसे फंड नहीं दिया जाएगा। 15 फरवरी को वाराणसी में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कथित तौर पर यह बात कही। प्रधान ने कथित तौर पर कहा कि तमिलनाडु को भारतीय संविधान की शर्तों पर आना होगा और तीन भाषा नीति को अपनाना होगा, क्योंकि यही कानून है।
भड़के सीएम स्टालिन
शिक्षा मंत्री के उस बयान की वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा करते हुए सीएम स्टालिन ने इसे अस्वीकार्य बताया और कहा कि तमिलनाडु के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। स्टालिन ने धर्मेंद्र प्रधान पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने केंद्र से अपना हक मांगा है, जो उसका अधिकार है और अगर केंद्रीय मंत्री अहंकार से बात करते हैं, जैसे कि ये देश उनकी निजी संपत्ति है, तो उस स्थिति में दिल्ली को तमिल लोगों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।
शिक्षा, राज्य का विषय, केंद्र का नहीं
स्टालिन ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान साफ करें कि कौन सा संवैधानिक प्रावधान अंग्रेजी, संबंधित क्षेत्रीय भाषा और हिंदी की तीन भाषा नीति को अनिवार्य बनाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य भारतीय संघ का गठन करते हैं और शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची में शामिल है और राज्य सरकार का विषय है। इसलिए केंद्र सरकार इसे अपना विशेष अधिकार क्षेत्र नहीं कह सकती।
