Swami Sivananda: 129 साल के भारत रत्न स्वामी शिवानंद ने लंबा और स्वस्थ जीवन का बताया राज, आप भी जान लें ये आसान टिप्स

Swami Sivananda: 129 साल के भारत रत्न स्वामी शिवानंद ने लंबा और स्वस्थ जीवन का बताया राज, आप भी जान लें ये आसान टिप्स

Swami Sivananda: स्वामी शिवानंद जी 8 सितंबर 1887 को जन्मे थे। 129 साल की उम्र में खुद को इतने फिट और हेल्दी रखना किसी चमत्कार से कम नहीं है। वह अपनी लंबी उम्र का श्रेय योग और अनुशासित जीवनशैली को देते हैं। उनका जीवन यहां दर्शाता है कि कैसे साधारण और अनुशासित जीवनशैली लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य का कारण बन सकती है। वह आधुनिक तकनीकी से दूर रहना पसंद करते हैं और उन्होंने अपने हेल्दी और स्वास्थ्यपूर्ण लाइफस्टाइल के टिप्स एक नेशनल मीडिया को बताए। अगर आप भी 100 साल से अधिक उम्र और बेहतर लाइफस्टाइल चाहते हैं, तो इन टिप्स को अपनाकर अपनी जिंदगी में शामिल कर सकते हैं। इस लेख के द्वारा जानते हैं उनके सरल और सशक्त स्वास्थ्य जीवनशैली मंत्र।

सादा भोजन स्वस्थ जीवन का आधार है

स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda)ने 129 साल में इतनी लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन का राज योग को बताया है। उनका मानना है कि एक बेहतर जीवनशैली जीने के लिए साधारण तरीके से रहना और सादा भोजन करना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि भोजन का सीधा असर शरीर की सेहत पर पड़ता है, इसलिए सादा खाना जैसे दाल-चावल और कम मसाले वाली उबली हुई सब्जियां सेहत के लिए बेहतर हैं। ज्यादा तला-भुना, मसालेदार और फास्ट फूड से दूरी बनाएं। स्वामी जी चीनी और जंक फूड को बिल्कुल नहीं छूते। वे रोजाना कम मात्रा में खाते हैं और पेट को हल्का रखते हैं।

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स्वास्थ्य जीवन के लिए योग और अनुशासन जरूरी है

स्वामी शिवानंद का कहना है कि नियमित योग और व्यायाम से शरीर और मन को शांति मिलती है। वे रोजाना प्राणायाम और सरल योगासनों का अभ्यास करते हैं, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा को भी बढ़ाता है। उनका मानना है कि योग ही जीवन की असली कुंजी है, जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है।

पॉजिटिव सोच रखना और भौतिक सुख-साधनों से दूर रहना

स्वामी शिवानंद जी के अनुसार, एक हेल्दी जीवनशैली जीने के लिए सादगी से जीना और संतोष रखना बेहद जरूरी है। उनका कहना है कि अधिक भौतिक सुख-साधनों की ओर भागने से मानसिक तनाव और असलापन होता है। इसलिए सुखी और खुश रहने के लिए जरूरी है कि हम संतुष्ट रहें और हर स्थिति को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखें। वे ध्यान और आध्यात्मिकता को अपनी जीवन पद्धति का अनिवार्य हिस्सा मानते हैं।

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