Aman Sahu Encounter: छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल में बंद होकर भी अपराधी बेखौफ बड़े-बड़े अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। जेल प्रशासन हो या पुलिस, इन्हें रोक नहीं पा रहे हैं। गैंस्टर अमन साव उर्फ साहू का झारखंड एटीएस ने एनकाउंटर कर दिया, लेकिन जेल में रहकर जितनी आसानी से वह अपराध करवाता था, इससे पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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Aman Sahu Encounter: छत्तीसगढ़ में भी कई हिस्ट्रीशीटरों का है जलवा
अपराधी अमन जब झारखंड की जेल में बंद था, तो कोरबा और रायपुर में वसूली के लिए फायरिंग करवाता था। इसके बाद जब रायपुर जेल में बंद था, तो झारखंड में हत्या और फायरिंग करवाता था। रायपुर जेल में उसे आसानी से मोबाइल की सुविधा, फोटोग्राफी कराने और सोशल मीडिया अपडेट करने की सुविधा मिल जाती थी। फिलहाल झारखंड एटीएस ने उसे मंगलवार को रायपुर से रांची ले जाते समय एनकाउंटर में ढेर कर दिया। उसकी मौत की खबरें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे सोशल मीडिया में भी अपडेट कर रहे हैं।
बताया जाता है कि गैंगस्टर अमन के संबंध झारखंड के उग्रवादी संगठन टीएसपीसी, पीएलएफआई, जेजेएमपी और आपराधिक गिरोह झांगुर ग्रुप से भी थे। उग्रवादियों के सहयोग से भी कुछ घटनाओं को अंजाम दिया था। इसमें तेतरियाखाड़ कोलियरी में आगजनी और फायरिंग की घटना प्रमुख थी। उसने गिरोह का दायरा बढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों के अपराधियों से भी संपर्क किया। इसी दौरान लॉरेन बिश्नोई के संपर्क में भी आया।
रायपुर में गुर्गों ने बना लिया था पैठ
गैंगस्टर अमन जेल में जरूर था, लेकिन उसके गुर्गों ने रायपुर में आकर अपना पैठ जमा लिया था। रायपुर कोर्ट में पेशी के दौरान अमन को विशेष सुविधाएं मिलती थी। उसके गुर्गें आसानी से उससे मिल लेते थे। अपराध के लिए सुपारी लेते थे।
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