बेटे ने पिता को लाठी से मारकर किया घायल:किशनगंज में शराब का कारोबार करने से किया था मना, सदर अस्पताल में भर्ती

बेटे ने पिता को लाठी से मारकर किया घायल:किशनगंज में शराब का कारोबार करने से किया था मना, सदर अस्पताल में भर्ती

किशनगंज में बेटे ने शराब बनाने और बेचने से रोकने पर पिता को लाठी से घायल कर दिया। टेढ़ागाछ थाना क्षेत्र के सुहिया हाट में विनोद ऋषिदेव ने अपने पिता हलेश्वर ऋषिदेव पर हमला किया। घायल दादा को पोतियों ने टेढ़ागाछ पीएचसी में भर्ती कराई। बाद में उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सदर अस्पताल रेफर कर दिया। जहां वार्ड में उनका इलाज चल रहा है। हालांकि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। लेकिन जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में खुलेआम शराब का धंधा हो रहा है। यहां देसी महुआ शराब का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस प्रशासन और उत्पाद विभाग की कार्रवाई प्रभावी नहीं हो पा रही है। इस कारोबार में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। छुआ और गुड़ की बिक्री में वृद्धि शराब बनाने में छुआ, गुड़ और नशीली दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण बाजार में छुआ, गुड़ की बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई है। रोज दर्जनों टिन छुआ गुड़ विभिन्न क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं। पुलिस की गाड़ी की आवाज सुनते ही धंधेबाज गायब हो जाते हैं। पुलिस का कहना है कि इन लोगों को पुलिस की छापेमारी की सूचना पहले ही मिल जाती है। किशनगंज में बेटे ने शराब बनाने और बेचने से रोकने पर पिता को लाठी से घायल कर दिया। टेढ़ागाछ थाना क्षेत्र के सुहिया हाट में विनोद ऋषिदेव ने अपने पिता हलेश्वर ऋषिदेव पर हमला किया। घायल दादा को पोतियों ने टेढ़ागाछ पीएचसी में भर्ती कराई। बाद में उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सदर अस्पताल रेफर कर दिया। जहां इमरजेंसी वार्ड में उनका इलाज चल रहा है। हालांकि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। लेकिन जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में खुलेआम शराब का धंधा हो रहा है। यहां देसी महुआ शराब का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस प्रशासन और उत्पाद विभाग की कार्रवाई प्रभावी नहीं हो पा रही है। इस कारोबार में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। छुआ और गुड़ की बिक्री में वृद्धि शराब बनाने में छुआ, गुड़ और नशीली दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण बाजार में छुआ, गुड़ की बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई है। रोज दर्जनों टिन छुआ गुड़ विभिन्न क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं। पुलिस की गाड़ी की आवाज सुनते ही धंधेबाज गायब हो जाते हैं। पुलिस का कहना है कि इन लोगों को पुलिस की छापेमारी की सूचना पहले ही मिल जाती है।  

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