ऑनलाइन स्कैम के जरिए ठग इन दिनों आम जनता से लाखों-करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम देते है। इन ठगों की गिरफ्त से अब बड़े बड़े दिग्गज कारोबारी भी अछूते नहीं रहे है। ठग अब दिग्गज और करोड़पति कारोबारियों को भी शिकार बनाने लगे है। ठगी का ताजा मामला फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल के साथ हुआ है।
जानकारी के मुताबिक फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल के फिनटेक वेंचर नवी टेक्नोलॉजीज को पिछले महीने 14.26 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ठगों ने ग्राहकों के रुप में संपर्क किया था। धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए उन्होंने सिस्टम में एक बग का फायदा उठाया।
बेंगलुरु में व्हाइटफील्ड साइबर क्राइम पुलिस ने शनिवार को अज्ञात जालसाजों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। घटना की जांच शुरू कर दी गई है। नवी टेक्नोलॉजीज के सतर्कता अधिकारी श्रीनिवास गौड़ा ने बताया कि दिसंबर में 14 दिनों के दौरान नवी के ग्राहकों के पास ऐप के ज़रिए भुगतान करने का विकल्प था। वे थर्ड पार्टी पेमेंट गेटवे, टीपीएपी का उपयोग करके फिनटेक ऐप के ज़रिए मोबाइल रिचार्ज, ईएमआई और अन्य सेवाओं के लिए भुगतान कर सकते थे।
हालाँकि, भुगतान प्रक्रिया में एक बग था जिसके कारण कुछ बदमाशों को कंपनी के साथ धोखाधड़ी करने का मौका मिल गया। ग्राहक द्वारा नवी ऐप पर भुगतान शुरू करने के बाद, टीपीएपी गेटवे ने देय राशि को संपादित करने का विकल्प प्रदान किया। भुगतान प्रक्रिया शुरू होने के बाद, निःसंदेह, इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी।
घोटालेबाजों ने इस कमजोरी का फायदा उठाते हुए नवी ऐप पर वांछित राशि (उदाहरण के लिए ₹500 या ₹1,000) दर्ज की और भुगतान प्रक्रिया पूरी कर ली। लेकिन भुगतान संसाधित होने के बाद, वे टीपीएपी गेटवे पर गए और देय राशि को संपादित करके 1 रुपये कर दिया।
परिणामस्वरूप, सिस्टम ने गलत तरीके से संपादित राशि (1 रुपया) के लिए लेनदेन को सफल दर्ज कर दिया, लेकिन नवी टेक्नोलॉजीज से उपयोगकर्ता द्वारा चयनित मूल पूर्ण राशि ली गई। इस बग का फायदा उठाकर घोटालेबाज नवी से 14.26 करोड़ रुपये की ठगी करने में सफल रहे।
सचिन बंसल ने फ्लिपकार्ट छोड़ने के कुछ ही महीनों बाद 2018 में नवी की स्थापना की थी। पिछले साल अप्रैल में उन्होंने खुलासा किया था कि वह हफ़्ते में 80 से 100 घंटे काम करते हैं, लेकिन दूसरों से भी यही उम्मीद नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि उनके स्टार्टअप में घर से काम करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा, “हम इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थे कि हम दफ़्तर से ही काम करना चाहते हैं। मेरे दिमाग में घर से काम करना एक अस्थायी बात थी। यह कभी भी स्थायी नहीं थी। हम 100 प्रतिशत दफ़्तर से ही काम करते हैं। घर से बिल्कुल भी काम नहीं होता।”
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