संजय झा। उम्र 57 साल। अभी JDU से राज्यसभा सांसद हैं। 2012 तक BJP में हुआ करते थे, बीते 13 सालों से JDU में हैं। फिलहाल JDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हैं। कहते हैं, दोनों बार जब नीतीश कुमार बीजेपी से दूर हुए, उन्हें वापस लाने का काम संजय ने ही किया। 8 महीने बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। NDA में सबकुछ ठीक चले, इसकी एक बड़ी जिम्मेदारी संजय झा की भी है। उन्होंने दैनिक भास्कर (डिजिटल) के बिहार-झारखंड के स्टेट एडिटर अक्षय बाजपेयी से तमाम मुद्दों पर बेबाकी से बातचीत की। पढ़िए और देखिए ये इंटरव्यू। सवाल : बजट में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बिहार का 9 बार जिक्र किया। मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी भी पहनी, लेकिन ज्यादा कुछ मिला नहीं। एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट दिया है। मखाना बोर्ड बनाने की बात कही है, लेकिन उससे तो महज 10 हजार किसान ही जुड़े हैं, कोई स्पेशल पैकेज भी नहीं दिया गया? जवाब : बिहार की हमेशा से स्पेशल कैटेगरी स्टेट्स मिलने की डिमांड रही है। क्योंकि ये एक लैंड लॉक स्टेट है, हर साल यहां बाढ़ आती है। बिहार भी हर एक पैरामीटर में देश के एवरेज पर आए उसके लिए सपोर्ट जरूरी है। इसमें बाधा होने पर हमने स्पेशल पैकेज की डिमांड की। पिछले बजट में स्पेशल पैकेज दिया गया। खासतौर से बाढ़, रोड और टूरिज्म वगैरह के लिए दिया गया। इस बार के बजट में चार ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट दिए गए हैं। इसमें एक पटना के पास में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। जैसा दिल्ली के जेवर में बना है, वैसा ही एयरपोर्ट यहां बनाया जाएगा। बिहार सरकार इसकी जगह तय करेगी और केंद्र सरकार मंजूरी देगी। ये बिहटा स्थित एयरफोर्स के एयरपोर्ट के अलावा होगा। इसके अलावा राजगीर, भागलपुर और रक्सौल में भी एयरपोर्ट दिए हैं। 1972 से पूरा मिथिला बाढ़ के नाम से ही जाना जाता है। बाढ़ के चलते ही यहां से माइग्रेशन हुआ। पहली बार इसे एड्रेस किया गया है। पश्चिमी कोसी नहर प्रोजेक्ट के लिए करीब 6 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। 53 साल बाद किसी फाइनेंस मिनिस्टर ने पार्लियामेंट से इसकी घोषणा की। अब डीपीआर बनेगी। वहीं, इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से वाइड बॉडी प्लेन आसानी से लैंड कर सकेंगे, क्योंकि उसके लिए जिस स्केल का रनवे चाहिए, वो बनाया जाएगा। ये सिर्फ घोषणा नहीं है, बल्कि पार्लियामेंट में ऑफिशियल बताया गया है, इसलिए होना ही है। सवाल : कुछ दिन पहले खबर आई थी कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार राजनीति में आने वाले हैं, और जल्द जेडीयू जॉइन करेंगे, इसमें कितनी सच्चाई है? जवाब : नीतीश जी क्यों रिटायर होंगे। वे पूरे प्रदेश में यात्रा कर रहे हैं। 4 डिग्री टेम्प्रेचर तक में घूमे हैं। जिलों में सिर्फ अनाउसमेंट ही नहीं कर रहे बल्कि डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का रिव्यू भी कर रहे हैं और उसे कैबिनेट से पास भी करवाया जा रहा है। निशांत के जेडीयू जॉइन करने जैसी अभी कोई बात नहीं है। नीतीश जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, और वही सीएम बनेंगे। सवाल : मनीष वर्मा को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। कहा जा रहा था कि सेकेंड लीडरशिप तैयार की जा रही है। उन्होंने ऐलान किया कि पूरे प्रदेश में घूमेंगे, लेकिन आपके लेटर से ही उनके कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। ऐसा क्यों? जवाब : कितनी बार पार्टी के कार्यक्रम तय होते हैं, और बदलते हैं। अभी सीएम की यात्रा चल रही है। एनडीए प्रदेश अध्यक्षों की यात्रा चल रही है। जिलों में सम्मेलन चल रहे हैं। एक जिला सम्मेलन का हिस्सा मनीष वर्मा भी थे। पार्टी में सेकेंड, थर्ड लीडरशिप को मैं नहीं जानता। मैं बस इतना जानता हूं कि नीतीश कुमार हमारे नेता हैं, और वे बिहार के साथ में पार्टी को बहुत बेहतर तरीके से चला रहे हैं। सवाल : पटना की सड़कों पर BPSC कैंडिडेट्स ने महीनों तक प्रदर्शन किया। लाठियां भी खाईं। राहुल गांधी से लेकर तेजस्वी तक उनसे मिलने पहुंचे, लेकिन नीतीश कुमार का न कोई बयान आया, न वे छात्रों से मिले, ऐसा क्यों? जवाब : बिहार में बहुत बड़े स्केल पर बहाली हो रही है। BPSC एक इंडिपेंडेंट बॉडी है। नीतीश कुमार जी ने प्रैक्टिस में भी उसे इंडिपेंडेंट बॉडी ही बनाए रखा है। छात्रों से चीफ सेक्रेटरी ने मुलाकात की थी। वे सीएम के आदेश पर ही उनसे मिले होंगे न। बाकी जो तथ्य हैं, उन पर भी एक्ट होगा। BPSC को कुछ तथ्य मिलेंगे, तो वो निर्णय लेंगे। अभी यह मामला कोर्ट में है। BPSC में पहले कितने चेयरमैन बहाली में गड़बड़ी के चलते जेल जा चुके हैं। नीतीश सरकार में तो ऐसा एक भी बार नहीं हुआ। सवाल : गड़बड़ियों के तमाम आरोप तो मौजूदा BPSC चेयरमैन पर भी हैं? जवाब : मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। मैं बहाली में जो गड़बड़ियां की हैं, और उसमें जो चेयरमैन जेल गए, उस बैकग्राउंड में बात कर रहा हूं। मौजूदा चेयरमैन पर ऐसा तो कोई आरोप नहीं है। सवाल : राहुल गांधी कुछ दिन पहले बिहार आए थे। उन्होंने कहा कि यहां की जातीय जनगणना फर्जी है। जवाब : ये जो राहुल गांधी हैं, जो प्राणी हैं, ये एक रिसर्च का विषय हैं। ये बिहार में क्या सरकार में आएंगे, दिल्ली में तो जीरो पर आए हैं। देश में पहली बार जातीय जनगणना नीतीश कुमार ने करवाई है। डाटा रिलीज किया और उस पर एक्ट भी किया। कर्नाटक में 15 साल पहले सर्वे हुआ, कांग्रेस ने आज तक डाटा रिलीज क्यों नहीं किया। क्यों राजीव गांधी ने मंडल कमीशन का विरोध किया था। नीतीश कुमार ने ही इंडिया अलायंस बनाया था। लेकिन जब उन्होंने देखा कि ये लोग अपने स्वार्थ और परिवार के बाहर नहीं देख सकते, तो अलग हो गए। पटना में मीटिंग हुई तो अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय मुद्दों पर बात करने के बजाए दिल्ली में किसी कानून की बात पर मीटिंग छोड़ गए। प्रेस कॉन्फ्रेंस भी अटेंड नहीं की। सीएम नीतीश समझ गए कि इन लोगों को साथ लाना मेंढक तोलने जैसी बात है। सवाल : फिर भी नीतीश कुमार दो बार महागठबंधन से हाथ मिला चुके हैं, लोग कहते हैं फिर पलटी मार सकते हैं। यकीन कैसे करें? जवाब : लोगों ने यकीन किया तभी लोकसभा में वोट दिया। फिर उपचुनाव में भी चारों सीटें एनडीए जीता। और नीतीश जी कई दफा कह चुके हैं कि दो बार मिस्टेक हुआ है, आगे नहीं होगा। अटल जी के वक्त से वे साथ हैं। यह एक नेचुरल अलायंस है। दोनों पार्टियों के वर्कर भी साथ में काम करना चाहते हैं। सवाल : बिहार पेपर लीक का गढ़ बनते जा रहा है। सीएचओ, अमीन बहाली, सिपाही भर्ती, बीपीएससी सरकार कोई मजबूत सिस्टम क्यों नहीं बना पा रही? जिस बापू टावर को इतना हाईटेक बनाया गया वहां तक गड़बड़ी होने की बातें सामने आईं? जवाब : बिहार में अब फुलप्रूफ सिस्टम है। आप वही बात कह रहे हैं, जो हुआ है। 90 परसेंट में गड़बड़ी नहीं हुई, वो भी देखिए। कहीं गड़बड़ी की बात सामने आई तो सरकार ने एक्ट भी किया है। अब मैट्रिक–इंटर के इतने बड़े लेवल पर एग्जाम हो रहे हैं, कहीं कोई गड़बड़ी सामने आ रही है क्या। कुछ लोग अपना नरेटिव सेट करने के लिए भी अफवाहें उड़ाते हैं। सवाल : नौकरी नहीं होने से बिहार से पलायन अब तक रुक नहीं रहा। सरकार 12 लाख नौकरियां देने की बात कह रही है, लेकिन बिहार की आबादी करीब 13 करोड़ है। सबसे ज्यादा युवा यहां हैं। इन लोगों को रोजगार-धंधा देने के लिए ग्राउंड पर क्या काम हो रहा है? जवाब : सीएम ने 12 लाख नौकरी और 20 लाख रोजगार देने की बात कही है। अब पलायन एक दिक्कत तो है। लेकिन आप पिछले 15 सालों का एग्रीकल्चर का डाटा देखिए कि कितने बड़े लेवल पर ट्रांसफॉर्मेशन हुआ है। लैंड लॉक स्टेट होने के कारण यहां इंवेस्टमेंट का इश्यू है। इसमें केंद्र की मदद की जरूरत होती है। जो हम करवा रहे हैं। पलायन की दिक्कत भी धीरे–धीरे कम हो रही है। हमारे पंजाब के सांसद बताते हैं कि अब बिहार से आने वाले मजदूर नहीं मिले। हमने अभी तक बेसिक काम किया। अब अगले पांच साल सरकार का पूरा फोकस इंवेस्टमेंट, जॉब क्रिएशन और इंडस्ट्रीज लगाने पर ही होगा। पांच सालों में बदलाव नजर आने लगेगा। सवाल : तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि हम सरकार में आए तो हर महिला को 2500 रुपए महीना देंगे। आप लोग ऐसी कोई स्कीम जनता के लिए नहीं ला रहे? जवाब : तेजस्वी यादव कुछ भी बोल सकते हैं। लेकिन सरकार अपने हिसाब से काम कर रही है। नीतीश जी ने सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर महिलाओं को रोजगार से जोड़ा है, आज वो परिवार चला रही हैं। सवाल : शराबबंदी है, लेकिन आए दिन जहरीली शराब से मौतों की खबर आती है? जवाब : जिन राज्यों में शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब पीने से लोग मर रहे हैं। शराबबंदी में नीतीश जी का कोई पर्सनल इंटरेस्ट तो था नहीं। लोगों ने तो ये भी कहा कि, रेवेन्यू लॉस होगा। लेकिन फिर भी नीतीश जी ने शराबबंदी की और आठ साल से यहां शराबबंदी है। बिहार में ओपन बॉर्डर है। यूपी, झारखंड और नेपाल तीनों तरफ से। इसलिए थोड़ी प्रॉब्लम रहती है। लेकिन अब शराब पीकर घरेलू हिंसा तो नहीं होती। बाकी जो दिक्कतें हैं, उन्हें सरकार एड्रेस कर रही है। सख्त एक्शन लिए जा रहे हैं। सवाल : एनडीए में इस बार चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी, जेडीयू, बीजेपी सब हैं। सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा? मांझी तो 20 सीटों की डिमांड कर रहे हैं? जवाब : जैसे लोकसभा चुनाव में आराम से सीट शेयरिंग हो गई थी, वैसे ही अब भी हो जाएगी। एनडीए में इसे लेकर कोई विवाद नहीं है। सवाल : सुभाष यादव ने लालू प्रसाद को लेकर कहा कि अपहरण के बाद सीएम हाउस में सेटलमेंट होता था, क्या सरकार सुभाष यादव के आरोपों की जांच करवाएगी? जवाब : अब वो सरकार तय करेगी कि इस आरोपों की जांच करवानी है या नहीं। लेकिन जो लोग उस वक्त सत्ता में रहे हैं, वही सब कह रहे हैं तो जो उन्होंने देखा होगा वही कह रहे होंगे। उस वक्त बिहार से सिर्फ आम लोगों का पलायन नहीं हुआ, बल्कि इंडस्ट्रियलिस्ट, बिजनेसमैन, डॉक्टर सब भाग गए। पटना में ही शाम के वक्त कोई घर से नहीं निकलता था। किडनैपिंग का लंबा दौर चला। तब वो लोग सत्ता में थे। सवाल : क्या दिल्ली में इस बार पूर्वांचल के किसी नेता को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है, पूर्वांचल के लोगों ने बीजेपी की जीत में अहम रोल निभाया है? जवाब : पूर्वांचल को इग्नोर करके दिल्ली में शासन नहीं किया जा सकता। बीजेपी को वहां जिताने में पूर्वांचलियों का बड़ा रोल रहा है। अरविंद केजरीवाल की हार की बड़ी वजह भी यही लोग रहे। हमें लगता है कि पूर्वांचल के बारे में जरूर ख्याल रखा जाएगा। जरूर कुछ सोचा जा रहा होगा। —————————- ये भी पढ़ें… सामने BJP है, इसलिए मुस्लिमों के लिए लालू मजबूरी:नीतीश अपने दम पर सिर्फ एक बार बिहार जीते, प्रशांत किशोर बोले- 243 सीटों पर लड़ेंगे ‘मुस्लिम समाज लालू प्रसाद यादव की आरजेडी को इसलिए वोट नहीं देता कि उनके लिए कुछ काम किया गया है, उन्हें राजनीतिक हिस्सेदारी दी गई है, या वो भाजपा को हरा रहे हैं। इन्हें वोट देना उसकी मजबूरी है। क्योंकि सामने भाजपा है। भाजपा को तो वोट दे नहीं सकता। तीसरा कोई विकल्प है नहीं, इसलिए मजबूरी में लालटेन को वोट दे देता है।’ पूरी खबर पढ़िए
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