कुंडली में जेल जाने के योग! टालने के लिए नेता-अफसर खा रहे जेल की रोटी; जानिए क्या है माजरा

कुंडली में जेल जाने के योग! टालने के लिए नेता-अफसर खा रहे जेल की रोटी; जानिए क्या है माजरा

उमेश शर्मा
अलवर। जेल जाने के नाम से ही लोगों की रूह कांप जाती है, लेकिन कुंडली में जेल जाने के योग को टालने के लिए लोग जेल की रोटी खा रहे हैं। ज्योतिषी भी कुंडली देखने के बाद लोगों को यह सलाह दे रहे हैं। हालांकि कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि जब ग्रह प्रतिकूल होते हैं, तब इस तरह के टोटके काम नहीं आते।

ज्योतिषी शिब्बूराम शास्त्री ने बताया कि यदि द्वादश भाव में राहु हो, नीच का कोई ग्रह हो या अस्त का ग्रह हो और वह लगन से संबंध बनाए तो जेल यात्रा का योग बनता है। इसी तरह छठे भाव का स्वामी लगन से संबंध बनाए तो भी जेल जाने के योग बनते हैं। 12वें भाव में शनि राहु की युति, मंगल और राहु की युति एवं शनि व मंगल की युति से भी जेल और अस्पताल जाने का योग बनता है।

हकीकत यह है कि कुंडली में बने जेल योग टालने के लिए लोग अपनी-अपनी पहुंच के हिसाब से जेल की एक अदद रोटी के लिए सिफारिशें तक लगवाते हैं। अफसरों और नेताओं के साथ जेलकर्मियों से सिफारिश करवाई जाती है। बंदियों के लिए बनने वाली रोटी में से ही इन लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया जाता है।

ज्योतिषी पं. तपेश अवस्थी ने बताया कि जेल का खाना खाने की सलाह 50 प्रतिशत तक काम करती है। संबंधित ग्रह से संबंधित दान भी देना चाहिए। हर माह कई लोगों को यह उपाय बताते हैं। कई अफसर, नेता व उद्योगपति भी जेल का खाना खाते हैं।

डर था कि कोई मुझे जेल में न डाल दे

जनता की आवाज उठाते हुए मैंने कई प्रदर्शन किए थे। जन्मपत्री में कुछ ऐसे ही योग बन रहे थे। ऐसे में डर था कि कोई मुझे जेल में न डाल दे। इस वजह से जेल में भोजन किया था। मैं बाहर रहकर लोगों की सेवा करना चाहता हूं।
दौलत मीणा, बस्सी से कांग्रेस विधायक प्रत्याशी (वर्ष 2019)

संकट टालने के लिए इस तरह के उपाय

कई लोगों की हस्तरेखा देखने पर उनके जेल जाने के योग नजर आते हैं। उनको इस बारे में बताया जाता है तो वह सलाह मांगते हैं। संकट टालने के लिए इस तरह के उपाय करने पर लाभ मिलता है। नेता से लेकर आमजन तक यहां आए हैं और उनके जेल जाने का योग बनने पर सलाह दी है।
– पंडित गोपाल व्यास, ज्योतिषी, कारोई, भीलवाड़ा

लगवाते हैं सिफारिश

जेल परिसर में अनाधिकृत व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाता है। कोई व्यक्ति यदि जेल के भोजन की डिमांड करता है तो उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला लाकर उसे सहानुभूति के नाते भोजन उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इस तरह के मामले जयपुर सेंट्रल जेल में ज्यादा आते हैं।
शिवेंद्र शर्मा, जेल अधीक्षक, अलवर सेंट्रल जेल

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