महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों ‘ऑपरेशन टायगर’ की चर्चा जोरों पर है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिवसेना (ठाकरे गुट) के कुछ मौजूदा और पूर्व विधायक एवं सांसद पार्टी छोड़कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। इसी बीच, उद्योग मंत्री उदय सामंत ने दावा किया है कि ठाकरे गुट और महा विकास आघाड़ी (MVA) के 10 से 12 पूर्व विधायक जल्द ही शिंदे गुट में शामिल होंगे। इस परिस्थिति को रोकने के लिए अब उद्धव ठाकरे खुद मैदान में उतर आए हैं।
इस राजनीतिक हलचल के बीच ठाकरे गुट को एक और बड़ा झटका तब लगा जब उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाने वाले नेता राजन सालवी ने शिंदे गुट में प्रवेश कर लिया। पूर्व विधायक राजन सालवी के पार्टी छोड़ने के बाद अब उद्धव ठाकरे डैमेज कंट्रोल मोड में आ गए हैं और उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों और विधायकों की मातोश्री में बैठकें बुलाई है।
हाल के दिनों में उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के कई पूर्व विधायक और पदाधिकारी पाला बदलकर एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल हो गए हैं। इससे निकाय चुनाव की तैयारी कर रहे उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है। इस बीच, शिवसेना प्रमुख व उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और कल्याण के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि शिवसेना को मजबूत करने के लिए ऑपरेशन टाइगर जारी रहेगा।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसदों की बैठक 20 फरवरी को होगी, जबकि विधायकों की बैठक 25 फरवरी को बुलाई गई है। इस दौरान उद्धव ठाकरे पार्टी नेताओं को संबोधित करेंगे और उनका मार्गदर्शन करेंगे। कहा जा रहा है कि ठाकरे ने यह बैठक शिवसेना (UBT) में हो रही टूट को रोकने के लिए रणनीति के तहत बुलाई है।
दिल्ली में चल रहे बजट सत्र के दौरान आदित्य ठाकरे पहले ही शिवसेना (UBT) सांसदों की बैठक ले चुके हैं, लेकिन अब जब ‘ऑपरेशन टायगर’ की चर्चाएं तेज हो रही हैं, तो खुद पार्टी प्रमुख ने मोर्चा संभाल लिया है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में पार्टी की मौजूदा स्थिति और आगामी चुनावों को लेकर गहन चर्चा होगी।
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वहीं, विधानसभा में बजट सत्र से पहले 25 फरवरी को विधायकों की बैठक होगी। इस दौरान विधानसभा में विपक्ष के नेता के नाम पर मुहर लग सकती है। शिवसेना भवन ने सांसदों और विधायकों को अनिवार्य रूप से बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। ऐसे में उद्धव ठाकरे की यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही हैं।
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