ISRO: स्पेडेक्स मिशन में अन-डॉकिंग और डॉकिंग प्रयोग अगले महीने, कई बार दोहराई जाएगी प्रक्रिया

ISRO: स्पेडेक्स मिशन में अन-डॉकिंग और डॉकिंग प्रयोग अगले महीने, कई बार दोहराई जाएगी प्रक्रिया

Indian Space Research Organisation:अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ने की जटिल डॉकिंग (Docking) तकनीक का सफल प्रदर्शन करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक बार फिर अन-डॉकिंग और डॉकिंग प्रयोग की तैयारी में है। इस प्रक्रिया में पहले दोनों उपग्रहों को एक-दूसरे से अलग किया जाएगा (UnDocking) और फिर उन्हें जोड़ा जाएगा। ISRO के उच्च पदस्थ अधिकारियों के मुताबिक यह तमाम गतिविधियां मार्च महीने के मध्य से शुरू होंगी।

सामान्य रूप से चल रही प्रक्रियाएं

ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि स्पेडेक्स मिशन (Spadex Mission) के दोनों उपग्रहों को आपस में जोड़ने के बाद तमाम प्रक्रियाएं सामान्य रूप से चल रही हैं। उपग्रह अच्छी अवस्था में हैं। स्पेडेक्स मिशन केवल दोनों उपग्रहों को जोडऩे तक ही सीमित नहीं है। यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। उपग्रहों की अन-डॉकिंग और फिर से डॉकिंग होगी। उसके बाद यह प्रक्रिया कई बार और दोहराई जाएगी।

अन-डॉकिंग और डॉकिंग में ऊर्जा की आवश्यकता

ISRO अध्यक्ष ने कहा कि अन-डॉकिंग और डॉकिंग के लिए उपग्रहों में काफी ऊर्जा (Power) की आवश्यकता होती है। आपस में जोड़े जाने के बाद उपग्रह पृथ्वी की अंडाकार कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं और इस कक्षा में ऊर्जा उत्पादन में निरंतरता नहीं होती है। उपग्रह के सौर पैनल से ऊर्जा पैदा होती है। इसलिए मार्च के मध्य तक विंडो उपलब्ध होगा और तब स्पेडेक्स मिशन से जुड़ी गतिविधियां फिर से शुरू होंगी।

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