CM Yogi in Varanasi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वाराणसी दौरे के दौरान 12 मार्च को एक गंभीर घटना घटित हुई, जब उनके काफिले के सामने एक सांड़ आ गया। मुख्यमंत्री योगी के इस दौरे के दौरान विकास कार्यों का निरीक्षण और समीक्षा बैठक की गई थी, और वह काल भैरव और काशी विश्वनाथ मंदिर जा रहे थे। हालांकि, इस घटना के बाद प्रशासन ने इसे बेहद गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई की।
इनपर गिरी गाज
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने इस घटना के लिए पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग के दो बेलदारों को निलंबित कर दिया। अमृतलाल और संजय प्रजापति नामक बेलदारों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। इसके अलावा, आउटसोर्स पर तैनात 14 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई, जिनमें रजत, राकेश, रामबाबू, आशीष, अंकित, लालधारी, श्याम सुंदर, दीपक शर्मा, निशांत मौर्या, शुभम, राजेश कुमार, गंगाराम, अरविंद यादव और राघवेंद्र चौरसिया शामिल हैं।
इसके अलावा, वॉरियर्स सिक्योरिटी ऐंड सर्विसेज नामक कंपनी, जो आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती करती थी, को भी अंतिम चेतावनी दी गई है। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में इस कंपनी के कर्मचारियों की कार्यशैली पर कोई सवाल उठते हैं, तो इसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और इन कर्मचारियों को नगर निगम के अन्य विभागों में भर्ती के लिए नहीं भेजा जाएगा।
यह घटना राज्य में छुट्टा पशुओं को लेकर चल रही चर्चा के बीच हुई है। विपक्षी दल, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी, इस मुद्दे पर योगी सरकार पर लगातार निशाना साधते रहे हैं। अखिलेश यादव ने छुट्टा पशुओं के कारण हो रहे नुकसान को उठाया था, और इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गौशालाओं का निर्माण शुरू किया है। फिर भी मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सड़क पर सांड़ का दिखना अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करता है, जिस पर सवाल उठने लगे हैं।
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