विक्रम मिस्री जाएंगे चीन, अहम है भारतीय विदेश सचिव का यह दौरा

विक्रम मिस्री जाएंगे चीन, अहम है भारतीय विदेश सचिव का यह दौरा

भारत (India) के विदेश सचिव विक्रम मिस्री (Vikram Misri) कल चीन (China) के दौरे पर रवाना होंगे। भारतीय विदेश सचिव का यह चीन दौरा दो दिवसीय होगा, जिसके बारे में विदेश मंत्रालय की तरफ से भी जानकारी दी गई। 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प होने की वजह से दोनों देशों के संबंधों में खटास पड़ गई थी। हालांकि पिछले साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी () और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की मुलाकात हुई थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल (Ajit Doval) भी चीन गए थे और LAC मुद्दे पर बात की थी। इसके बाद दोनों देशों ने अपनी सेना को एलएसी से पीछे हटाया था।

चीन ने किया स्वागत

चीन ने भी विक्रम के इस दो दिवसीय दौरे का स्वागत किया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग (Mao Ning) ने इस बारे में बात करते हुए बताया है कि दोनों देशों के संबंधों के सुधार के लिए विक्रम का यह दौरा एक सकारात्मक कदम है।

चीन से संबंध सुधारने पर रहेगा जोर

विक्रम के इस दौरे का मुख्य उद्देश्य चीन से संबंध सुधारना है। ऐसे में इस दिशा में उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर विक्रम और चीन के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत होगी।

ट्रेड डील पर होगी चर्चा?

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिकी टैरिफ की चर्चा हर जगह चल रही है। ट्रंप, भारत और चीन पर टैरिफ लगाने की भी बात कर चुके हैं। ऐसे में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि विक्रम के इस चीन दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर भी चर्चा की जा सकती है। हालांकि फिलहाल ये सिर्फ अटकलें हैं और इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।

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LAC समझौते पर बातचीत

विक्रम के चीन दौरे के दौरान LAC समझौते पर बातचीत की जाएगी। भारत और चीन के बीच इस समझौते पर दोनों देशों की तरफ से आपसी सहमति से काम करते रहने, समझौते का उल्लंघन न करने, एलएसी पर सेना की पेट्रोलिंग जैसे विषयों पर बातचीत होगी। इसका उद्देश्य एलएसी मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव को कम करना और संबंधों में सुधार लाना रहेगा।

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