India Pakistan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ अब भारत के साथ कश्मीर समेत सभी विवादित मुद्दों पर बातचीत करना चाहते हैं। पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर मामले (Kashmir Issue) को सुलझाने की पेशकश की गई है। हालांकि अभी तक भारत की तरफ से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ (Shehbaz Sharif) के इस प्रस्ताव पर जवाब नहीं आया है। वहीं विश्लेषक इस बात की अब संभावना जता रहे हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच इस संभावित बातचीत से विवादों का निपटारा होना शुरू हो सकता है। लेकिन कश्मीर मामले के साथ इस बातचीत (India Pakistan Conversation) का होना लगभग असंभव दिखाई पड़ रहा है।
क्या कहा है पाकिस्तान ने?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने PoK में (जिसे पाकिस्तान आजाद जम्मू और कश्मीर कहता है) कश्मीर एकजुटता दिवस मनाया। वहां की विधानसभा के विशेष सत्र को शहबाज़ शरीफ ने संबोधित किया। इसी दौरान उन्होंने भारत के साथ कश्मीर मामले समेत सभी विवादित मामलों पर बातचीत करने का बयान दिया। शहबाज़ शरीफ ने कहा कि 5 फरवरी उन्हें याद दिलाता है कि कश्मीर कभी भारत का हिस्सा नहीं था। यहां हम आपको ये बता रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के अलावा किन-किन मुद्दों पर विवाद है और किन्हें पाकिस्तान सुलझाना चाहता है।
किन-किन मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच है विवाद?
भारत और पाकिस्तान के बीच सिर्फ कश्मीर मुद्दे पर ही नहीं बल्कि सिंधु नदी जल विवाद, आतंकवाद, LOC पर तनाव समेत कई मुद्दे हैं, जिन पर भारत और पाकिस्तान के बीच में विवाद है।
कश्मीर पर विवाद
भारत ने 5 अगस्त, 2019 को कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था और कश्मीर से स्पेशल स्टेट का दर्जा हटा दिया। भारत के इस फैसले का पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मंच तक विरोध जताया। भारत के कश्मीर को देश का अभिन्न हिस्सा घोषित किए जाने के बावजूद पाकिस्तान इसे अपना हिस्सा बताता है और भारत का इस पर अवैध कब्जा बताता है। अभी भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने भारत के साथ बीतचीत का प्रस्ताव देते हुए यही कहा है कि कश्मीर पाकिस्तान का ही है।
सिंधु जल नदी विवाद (Indus Water Treaty)
भारत की प्राचीन नदी सिंधु नदी (Indus Water Treaty) जो अब पाकिस्तान में हैं, इसके जल का बंटवारा भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का एक अहम कारण है। ये विवाद भारत की आजादी के साथ ही यह विवाद 1947 से ही चला आ रहा है। इस विवाद को सुलझाने के लिए ही सन् 1960 में सिंधु जल समझौता किया गया था। इस समझौते के तहत नदी का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया जाएगा इसके बदले में भारत को सिंधु नदी से बिजली उत्पादन का अधिकार दिया गया है। लेकिन हाल ही में भारत को इस विवाद में समर्थन मिला है। विश्व बैंक की तरफ से नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने इस संधि को लेकर भारत के रुख का समर्थन किया था।
दरअसल भारत ने जनवरी 2023 और सितंबर 2024 में नोटिस भेजकर सिंधु जल संधि में बदलाव की मांग की थी। भारत ने साफ कर दिया कि वह 64 साल पुरानी संधि को रद्द कर, नए सिरे से सिंधु जल के इस्तेमाल पर समझौता चाहता है।
आतंकवाद (Terrorism)
भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ा मु्द्दा आतंकवाद का है। भारत ने पहले ही अपना रुख सख्त रखते हुए कहा है कि जब तक आतंकवाद रहेगा तब तक पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत नहीं हो सकती। भारत में बॉर्डर पार से पाकिस्तान लगातार आतंकियों को भेजकर 2001 में संसद हमला, 2008 में मुंबई हमला, 2016 में पठानकोट हमला और 2019 में पुलवामा हमला करा चुका है जो भारत-पाकिस्तान संबंधों में बड़े तनाव का कारण बने। इन हमलों के सबूत भी भारत ने पेश किए हैं लेकिन पाकिस्तान इन सबूतों को नकारता रहा है।
सीमा विवाद और संघर्ष (Border Dispute)
भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा यानी LOC और अंतर्राष्ट्रीय सीमा यानी IB पर संघर्ष होते रहते हैं। पाकिस्तान कई बार संघर्षविराम का उल्लंघन करता रहा है।
सियाचिन ग्लेशियर विवाद
सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है, जहां 1984 से भारतीय सेना की मौजूदगी है। पाकिस्तान इसे विवादित क्षेत्र मानता है और इसे अपने नियंत्रण में लेना चाहता है।
सर क्रीक विवाद
भारत के गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच स्थित ये 96 किमी लंबा इलाका दोनों देशों के बीच विवाद की वजह है। भारत इसे अंतर्राष्ट्रीय सीमा मानता है, जबकि पाकिस्तान इसे विवादित क्षेत्र मानता है।
व्यापार और कूटनीति
दरअसल 2019 में पुलवामा अटैक के बाद भारत ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा वापस ले लिया और कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के साथ व्यापारिक संबंध निलंबित कर दिए।
संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर विवाद
भारत के बार-बार कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताने के बावजूद पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को बार-बार संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश करता है। जबकि भारत इसे अपना आंतरिक मामला बताता है
परमाणु हथियारों को लेकर तनाव
भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं, दोनों देशों के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान करने का समझौता भी है। लेकिन पाकिस्तान कई कार्यक्रम गुप्त तरीके से चला रहा है। भारत ने नो फ़र्स्ट यूज़ पॉलिसी घोषित की है, जिसका मतलब है कि भारत युद्ध की स्थिति में भी पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा जबकि पाकिस्तान ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है।
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